अभिषेक जायसवाल/ वाराणसी: अक्षय तृतीया के दिन इस बार कई ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है. सालों बाद ऐसा देखने को मिल रहा है, जब अक्षय तृतीया के दिन ग्रहों के राजा सूर्य, न्याय का ग्रह माने जाने वाले शनि और मन का कारक चंद्रमा उच्च राशि में विराजमान होकर शुभ फल देंगे, जो समृद्धि का कारक होगा. ऐसे में इस दिन पूजा पाठ और अनुष्ठान से सारे काम बनने लगेंगे. बताते चलें कि इस साल अक्षय तृतीया के पर्व 10 मई को मनाया जाएगा.
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि करीब 61 साल बाद अक्षय तृतीया के दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में और सूर्य मेष राशि में होंगे. इसके अलावा शनि कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे. वहीं इस दिन शश योग और गजकेसरी योग का अद्भुत संयोग भी रहेगा तो इस तिथि को और शुभ बनाएगा.
माता लक्ष्मी भी होंगी प्रसन्न
ऐसे में इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना से विशेष फल की प्राप्ति होगी. माता लक्ष्मी की कृपा भी जातकों पर खूब बरसेगी. इस दिन सुबह स्नान के बाद भगवान विष्णु को पीला फूल, मिठाई और वस्त्र अर्पण कर उनके सामने घी का दीपक जलाना चाहिए. भगवान विष्णु के मंत्र का जप करना चाहिए. बताते चलें कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम और हयग्रीव की जयंती भी मनाई जाती है. युग युगांतर में इस दिन से ही त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी. इस लिए इस तिथि को बेहद शुभ तिथि माना जाता है.
दो नक्षत्रों में होगा अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया के दिन इस बार दो नक्षत पड़ेंगे. रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र इस दिन रहेगा. पंचाग के अनुसार इस दिन सुबह 10 बजकर 45 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र होगा. उसके बाद पूरे दिन मृगशिरा नक्षत होगा. ऐसे में इस दिन किए गए पुण्य काम का फल और भी ज्यादा मिलेगा और उस पुण्य का कभी क्षय नहीं होगा.
FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 18:15 IST