वैशाली. गर्मी आते ही मटके तो आपको जगह जगह दिख जाएंगे लेकिन क्या आपको पहले का जमाना याद है. मिट्टी की सुराही भी होती थीं. खासकर यात्रा के दौरान ट्रेन और बस में सब सुराही लेकर ही चलते थे. बदलते वक्त ने पहले कैम्पर का चलन बढ़ाया और अब तो सब जगह आसानी से पानी की सीलबंद बोतलें उपलब्ध रहती हैं. लेकिन इस बदलाव के बीच भी कुछ लोग ऐसे हैं जो परंपरागत चीजों और कला को सहेजे हुए हैं
इन्हीं में से एक हैं वैशाली जिला हाजीपुर शहर स्थित बागमल्ली की रहने वाली 45 वर्षीय नीलम और उनका परिवार. ये परिवार पिछले 62 वर्ष से मिट्टी की सुराही और मटके बनाता आ रहा है. नीलम अपने पुश्तैनी धंधे को ही आगे बढ़ा रही हैं. वो 4 से लेकर 20 लीटर तक की सुराही बनाने में माहिर हैं. गर्मी शुरू होने से पहले ही सुराही की डिमांड काफी बढ़ जाती है. सुराही का पानी भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है.
सात माह में पांच ट्रक सुराही की खपत
नीलम देवी ने लोकल 18 को बताया पूर्वज भी यही काम करते थे. पिता से मिट्टी की सुराही से लेकर खिलौने बनाना तक सीखा. पिता के देहांत के बाद इस कारोबार को संभाला. पिछले छह दशक से परिवार का यह पुश्तैनी धंधा फल-फूल रहा है. नीलम ने बताया हम लोग 4 लीटर से लेकर 20 लीटर का तक सुराही बनाते हैं. इनकी कीमत 120 रूपए से लेकर 500 रुपए तक होती है. माल बनते ही हाथों हाथ बिक जाता है. 7 महीने में 5 ट्रक सुराही की खपत हो जाती है. इसके अलावा मिट्टी से और भी बर्तन तैयार करते हैं. नीलम ने बताया वो अपनी घर गृहस्थी मिट्टी के बर्तन से होने वाली आमदनी से ही चलाती हैं. वो बताती हैं हाजीपुर शहर में मेरी पहली दुकान थी और सबसे ज्यादा बिक्री उसी दुकान से होती है
मिट्टी के बर्तन में खाना पोषक तत्वों से भरपूर
राजापाकर के पीएसी प्रभारी डॉ. सतीश कुमार ने बताया मिट्टी की सुराही का पानी पीना काफी फायदेमंद होता है. गर्मी में लोग फ्रिज का पानी पीते हैं, उससे कहीं ज्यादा फायदा सुराही का पानी पीने से होता है. मिट्टी के बर्तन में बने खाने में आयरन, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं. जो शरीर के लिए फायदेमंद होता है. मिट्टी के बर्तन का पीएच मान भी एक समान रहता है. इसलिए इसका पानी या खाना खाने पीने से लोग बीमार कम पड़ते हैं. ये भीषण गर्मी में लोगों को राहत दिलाता है.
FIRST PUBLISHED : May 2, 2024, 13:18 IST