लैंगिक पहचान को सीमित करने का भाषा एक अहम माध्यम है. महिला और पुरुष के खांचे में बंटी भाषा क्वीयर समुदाय को कैसे अदृश्य करती है?"जब मैं पांच साल का था तब से ही अपने नाम से खुद को जुड़ा हुआ महसूस…
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लैंगिक पहचान को सीमित करता भाषा का ‘लिंग’
![लैंगिक पहचान को सीमित करता भाषा का ‘लिंग’ लैंगिक पहचान को सीमित करता भाषा का ‘लिंग’](https://images1.livehindustan.com/uploadimage/library/2024/05/02/16_9/16_9_6/67773304_403.jpg)
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