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Rahul gandhi hindu remarks: सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान भाजपा पर चौतरफा हमला बोला। भाजपा के नेताओं के हिन्दू न होने और हिंसा-नफरत फैलाने वाला बताया। नीट एग्जाम की तुलना कमर्शियल एग्जाम से की। किसानों और अग्निवीरों के मुद्दों पर जमकर आरोप लगाए। राहुल गांधी के भाषण के दौरान संसद में आलम यह था कि नरेंद्र मोदी सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कई बार राहुल गांधी के भाषण को रोका गया और जमकर आरोप-प्रत्यारोप चले। पीएम नरेंद्र मोदी एक बार और गृह मंत्री अमित शाह को कई दफे सरकार का बचाव करना पड़ा। राहुल गांधी के हिन्दू वाले बयान पर सबसे ज्यादा बवाल मचा है। संसद के अंदर और बाहर दोनों तरफ उनके विचार विरोधी राहुल गांधी की आलोचना कर रहे हैं। अब हिन्दू संतों ने राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कई हिंदू संतों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के हिंदू नहीं होने संबंधी विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान की आलोचना की और उनसे माफी मांगने की मांग की। लोकसभा में भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के नेता हिंदू नहीं हैं, क्योंकि वे चौबीस घंटे ‘हिंसा और नफरत’ में लगे रहते हैं। उनकी टिप्पणी का सत्ता पक्ष ने भारी विरोध किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस नेता पर पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक करार देने का आरोप लगाया।
संतों ने क्या कहा
राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरि ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैं बार-बार की गई उनकी उस टिप्पणी की निंदा करता हूं कि हिंदू हिंसक हैं, और वे नफरत पैदा करते हैं और चौबीस घंटे हिंसा में लिप्त रहते हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने अपनी टिप्पणी से पूरे हिंदू समाज को ‘कलंकित और अपमानित’ किया है।
गिरि ने कहा, ‘‘वह एक माननीय संसद सदस्य और नेता प्रतिपक्ष हैं। इसलिए उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए और माफी मांगनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों से हिंदू समाज आहत हुआ है और संत समुदाय में भी गुस्सा है।
स्वामी बालयोगी अरुण पुरी ने गांधी की टिप्पणी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और उनसे माफी मांगने की मांग की। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘राहुल गांधी की टिप्पणी बेहद अपमानजनक और निंदनीय है। हिंदू कभी हिंसक नहीं रहे।’’