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Saturday, July 27, 2024

Chandrayaan 3 के इतिहास रचने के आठ महीने बाद ISRO ने किया था बड़ा खुलासा, चार सेकंड…

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Chandrayaan 3 Update: पिछले साल 23 अगस्त को इसरो को बड़ी सफलता मिली थी। चंद्रयान-3 की इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग करवाई थी। पूरी दुनिया से इसरो को प्रशंसा मिली। अब आठ महीने बाद हाल ही में इसरो ने खुलासा किया है कि उसने चंद्रयान-3 को लिफ्ट ऑफ करने में चार सेकंड की देरी की थी। अंतरिक्ष मलबे और उपग्रहों के साथ किसी भी संभावित टकराव से बचने के लिए चंद्रयान -3 की उड़ान के समय ऐसा करना पड़ा था।

साल 2023 के लिए इंडियन सिचुएशनल स्पेस अवेयरनेस रिपोर्ट (ISSAR) के अनुसार, चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को ले जाने वाले लॉन्च व्हीकल मार्क -3 के लिफ्ट-ऑफ को लॉन्च अवॉइडेंस (COLA) पर टकराव से बचने के चलते चार सेकंड की देरी करनी पड़ी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा था कि ओवरलैपिंग परिचालन ऊंचाई के कारण मलबे की वस्तु और उनके कक्षीय चरण में इंजेक्ट किए गए उपग्रहों के बीच निकट दृष्टिकोण से बचने के लिए देरी आवश्यक थी।

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, 60 से अधिक वर्षों की अंतरिक्ष गतिविधियों के परिणामस्वरूप लगभग 56,450 वस्तुओं को कक्षा में ट्रैक किया गया है, जिनमें से लगभग 28,160 अंतरिक्ष में रहते हैं और नियमित रूप से यूएस स्पेस सर्विलांस नेटवर्क (यूएसएसएसएन) द्वारा ट्रैक किए जाते हैं और उनकी सूची में बनाए रखे जाते हैं। यूएसएसएसएन कैटलॉग पृथ्वी कक्षा (एलईओ) में मौजूद लगभग 5-10 सेमी और भूस्थिर (जीईओ) ऊंचाई पर 30 सेमी से 1 मीटर से बड़ी वस्तुओं को कवर करता है। चंद्र लैंडर मॉड्यूल विक्रम और रोवर प्रज्ञान के साथ भारत का चंद्रयान -3 मिशन पिछले साल 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा में इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

23 अगस्त, 2023 को भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास चंद्रयान-3 को सुरक्षित रूप से उतारने वाला पहला देश बनकर इतिहास रचा। यह एक चंद्र दिवस के लिए मिशन था। एक चंद्र दिवस पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर का होता है। चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग के समय हुए चार सेकंड की देरी ने टकराव के खतरे के बिना चंद्रमा की यात्रा पर अंतरिक्ष यान के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया। आईएसएसएआर-2023 की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष मलबे से टकराव से बचने के लिए इसरो को पिछले साल 30 जुलाई को पीएसएलवी-सी56 मिशन पर सिंगापुर के डीएस-एसएआर उपग्रह के प्रक्षेपण में एक मिनट की देरी करनी पड़ी थी। इसी तरह, पिछले साल 24 अप्रैल को एक अन्य सिंगापुरी उपग्रह TeLEOS-2 के प्रक्षेपण में COLA विश्लेषण के बाद एक मिनट की देरी करनी पड़ी थी।



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