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Wednesday, November 6, 2024

चंद्रबाबू नायडू थमा गए PM मोदी को लंबी डिमांड लिस्ट, गडकरी समेत मंत्रियों पर भी बनाया दबाव

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आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू दो दिनों के दिल्ली दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से 20 मिनट की मुलाकात की। मीटिंग का वक्त भले ही कम था, लेकिन चंद्रबाबू नायडू की डिमांड लिस्ट बहुत लंबी थी। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के सामने मांग रखी कि आंध्र प्रदेश के लिए अलग से बजट आवंटित किया जाए। इसके अलावा अलग-अलग मंत्रालय भी अपनी परियोजनाओं में आंध्र प्रदेश को प्राथमिकता दें। इसी के तहत उन्होंने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई मंत्रियों से मुलाकात की। 

केंद्र की एनडीए सरकार में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले चंद्रबाबू नायडू इस बात का अहसास है कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता। ऐसे में उनकी मांग स्पेशल पैकेज पर आ गई है। सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पीएम मोदी से आंध्र पर 13 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का मुद्दा उठाया। नायडू ने कहा कि ऐसी स्थिति पहले की जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौर में बनी, जबकि राज्य में कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार नहीं हुआ है। नायडू ने इस मीटिंग में लंबी डिमांड लिस्ट रखते हुए कहा कि पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए भी मोदी सरकार रुके हुए फंड को जारी करे। 

उनकी एक बड़ी मांग यह भी थी कि अमरावती को राजधानी के तौर पर तैयार करना है। उसके लिए फंड की कमी है। इसलिए मोदी सरकार की ओर से यदि मदद मिल जाए तो यह काम तेजी से पूरा हो सकेगा। इसके अलावा राज्य में सड़कों, बांध, पुलों, सिंचाई परियोजनाओं के तेजी से विकास के लिए उन्होंने अलग से पैकेज की मांग की है। उनका कहना था कि बुंदेलखंड के लिए सरकार ने जिस तरह से अलग परियोजना तैयार की और स्पेशल पैकेज जारी किया गया। उसी तरह आंध्र प्रदेश को लेकर भी विचार किया जाए।

गडकरी शिवराज को भी सौंप दिया मांग पत्र

पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद नायडू ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने राज्य में हाईवेज के विकास के लिए फंड की मांग की। कई परियोजनाओं का खाका भी नितिन गडकरी के सामने पेश किया। यही नहीं इसके बाद उन्होंने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी बात की। कहा जा रहा है कि शुक्रवार को वह कुछ और मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह मांग करेंगे कि मंत्रालयों की ओर से आंध्र के लिए भी स्पेशल योजनाएं तैयार की जाएं। 



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