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Saturday, July 27, 2024

बायोकेमेस्ट्री के स्टूडेंट निकले राजनीति के ‘मास्टर’, असंभव को संभव करने वाले अमित शाह की कहानी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत कर रहे हैं। इस बार भी उनके सबसे करीबी विश्वासपात्र और भाजपा के मास्टर रणनीतिकार अमित शाह मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। साफ है कि दशकों से नरेन्द्र मोदी के भरोसेमंद रहे अमित शाह इस बार भी देश की नीतियों को आकार देने का काम करेंगे। पीएम मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका मजबूत होगी। इस रिपोर्ट में जानें असंभव को संभव करने वाले अमित शाह की कहानी…

बायोकेमेस्ट्री की पढ़ाई के दौरान सियासत में एंट्री

अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर, 1964 को गुजरात के छोटे से शहर मनसा में एक साधारण परिवार में हुआ। भाजपा के साथ उनका जुड़ाव 1980 के दशक की शुरुआत में तब हुआ, जब वे बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई करने के दौरान पार्टी की स्टुडेंट विंग ABVP में शामिल हुए। अमित शाह की संगठनात्मक नेतृत्व की क्षमता तब दुनिया के सामने आई जब उनको साल 2014 में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह इस पद पर साल 2020 तक रहे। 

भाजपा अध्यक्ष के तौर पर शानदार प्रदर्शन

अमित शाह के कुशल नेतृत्व में भाजपा की लोकप्रियता में अभूतपूर्व उछाल देखा गया। भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में शानदार बहुमत के साथ जीत दर्ज की। ​​पिछली मोदी सरकार में गृह मंत्री के रूप में अमित शाह ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों का नेतृत्व किया। इन फैसलों का राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक मामलों पर दूरगामी असर दिखा। शाह की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक अनुच्छेद 370 को निरस्त करना था। इससे जम्मू-कश्मीर क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों के साथ पूरी तरह से एकीकृत हो गया।

गृह मंत्री के तौर पर मनवाया लोहा

अमित शाह ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम यानी सीएए पारित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीएए का मकसद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करना था। यही नहीं अमित शाह ने असम में NRC लागू कराने की देखरेख की। शाह ने केंद्रीय गृह मंत्री के तौर पर अपना लोह मनवाया। उनके नेतृत्व में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से कड़े और सख्त कदम उठाए गए। 

चुनावी समर में बुलंद जीत का परचम

अमित शाह का गांधीनगर से गहरा नाता है। वह तीन दशकों से इस सीट से जुड़े हुए हैं। वह शुरुआत में इस संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले क्षेत्रों से विधानसभा सदस्य के रूप में चुने गए। यह लोकसभा सीट पहले लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे भाजपा के दिग्गजों के पास थी। अमित शाह ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 5,57,014 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। साल ​​2024 के लोकसभा चुनावों में अमित शाह की लोकप्रियता नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई। उन्होंने गांधीनगर से कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को 7,44,716 मतों के बड़े अंतर से शिकस्त दी है। 



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