8.3 C
Munich
Monday, October 28, 2024

भूतों वाला पुलिस स्टेशन! खुद पुलिस वाले इसके अंदर घुसने से डरते हैं

Must read


सोनभद्र: यूपी के सोनभद्र जनपद में एक पुलिस चौकी वीरान बनी है. लोगों का मानना है कि इस चौकी में भूतों का साया है. चौकी पर ताला लटकता रहता है और कोतवाली से मामले का निपटारा होता है. वर्षों पहले तैनात चौकी इंचार्ज का नाम अंकित है. यूपी के सोनभद्र जनपद स्थित सदर कोतवाली की नई बाजार चौकी को लेकर सालों पहले उड़ी अफवाह से पुलिस अब भी नहीं उबर सकी. ऐसे में नई बाजार चौकी का संचालन कागजों में ही हो रहा है. वजह यह है कि भूत-प्रेत को लेकर चौकी पर कोई पुलिसकर्मी रहना नहीं चाहता. इस कारण यहां ताला लटकता रहता है.

लोगों को दूर जाना पड़ता है
इस कारण लोगों को 12 से 15 किलोमीटर दूर रावटसगंज कोतवाली आना पड़ता है. जिले का सबसे बड़ा इलाका सदर कोतवाली का है, जिसके अंतर्गत कल 8 पुलिस चौकियाँ अंकित हैं. करीब 7 साल पहले नई बाजार क्षेत्र में बढ़ते अपराध और एक हत्याकांड के बाद बाजार से एक किलोमीटर पहले किराए के भवन में पुलिस चौकी की स्थापना हुई थी. तब लोगों को उम्मीद थी कि अब उनके क्षेत्र में अपराध की घटनाओं में कमी आएगी. हालांकि, तमाम प्रयासों के बाद भी चौकी का नियमित संचालन नहीं हो पा रहा. इसके पीछे एक अफवाह का कारण है. स्थानीय लोगों की मानें तो एक बार भूत-प्रेत को लेकर उड़ी अफवाह के बाद यहां कोई पुलिसकर्मी रहने को तैयार नहीं है.

चौकी प्रभारी की कमी
कुछ सालों में इस चौकी पर 8 से 10 चौकी प्रभारी की तैनाती हो चुकी है. हालांकि, किसी ने यहां रहने और भवन में चौकी के संचालन में दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसी कारण यहां दिन में ताला लटकता रहता है और रात में अंधेरा छा जाता है. कुछ चौकी प्रभारी ने चौकी संचालित करने का प्रयास किया, मगर वे सफल नहीं हो सके. ऐसा भी नहीं है कि पुलिस चौकी महज दिखावा भर है. यहां विभाग की ओर से वाहन भी उपलब्ध कराया गया है ताकि गश्त करने के साथ ही क्षेत्र की निगरानी हो सके. इसके साथ ही एक एसआई के साथ यहां 5 से 6 पुलिसकर्मी भी तैनात हैं. चौकी में पुलिसकर्मियों के न ठहरने के कारण अगर क्षेत्र में कोई घटना होती है, तो मौके पर पहुंचने में भी काफी समय लगता है.

एसआई का नाम आज भी अंकित
चौकी में कई साल पहले तैनात एसआई एसपी श्रीवास्तव का नाम आज भी अंकित है. पुलिस चौकी में कोई नहीं रहता, और यहां भवन के सामने उगी बड़ी-बड़ी घास इसकी गवाही दे रही है. यहां दिन में तो किसी तरह से पुलिसकर्मी बाजार में किसी दुकान पर या फिर पेड़ की छांव में समय गुजार लेते हैं, लेकिन रात में समस्या हो जाती है. इस इलाके के लोगों को किसी भी तरह की समस्या को लेकर शिकायत के लिए अधिकांश समय 12 से 15 किलोमीटर दूर राबर्ट्सगंज कोतवाली आना ही विकल्प बचता है. नई बाजार में किराए के मकान में बनी चौकी में अफवाह के बाद जब यहां पुलिसकर्मियों ने रहना बंद किया, तो वर्ष 2022 में नए स्थान पर चौकी के लिए जमीन की तलाश हुई. इसके निर्माण के लिए प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजे गए, हालांकि अब तक इस पर कोई अमल नहीं हो सका है.

चौकी में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
पुलिस चौकी नई बाजार में जिस भवन में मौजूद है, उसके स्वामी वहां नहीं रहते. चौकी में न तो पानी और न ही बिजली की कोई व्यवस्था है. इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार राजेश गोस्वामी ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि लोगों के लिए यह कौतूहल का विषय बना हुआ है कि जहां एक ओर भूत-प्रेत की बात को बुद्धिजीवी वर्ग निराधार बताता है, वहीं पुलिस जैसा विभाग भी इस बात से भयभीत है. यह अपने आप में चर्चा का विषय है. उनका कहना है कि विभागीय प्रक्रिया को पूरा करके या तो यहां पर यथाशीघ्र नई चौकी भवन का निर्माण कराया जाए या कोई बेहतर विकल्प निकाला जाए, जिससे आम जनता को इसका लाभ मिल सके. इससे उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिए सामान्य तौर पर कोतवाली तक नहीं जाना पड़े. कोतवाली में भीड़ रहती है, अगर यह चौकी यहां पर सही ढंग से चालू की जाए, तो लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी.

Tags: Ajab ajab news, Local18, Sonbhadra News, Special Project, UP news



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article