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Tuesday, October 8, 2024

नवरात्रि में इस बार कब करें कन्या पूजन? क्या है शुभ मुहूर्त? अयोध्या के ज्योतिषी से जानें सब

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अयोध्या: शारदीय नवरात्रि का पर्व चल रहा है. सनातन धर्म को मानने वाले लोग माता जगत जननी जगदंबा की पूजा आराधना कर रहे हैं. जगह-जगह पर माता रानी की स्थापना भी हो चुकी है, ऐसी स्थिति में नवरात्रि की अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन भी किया जाता है. इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो गयी है, जिसका समापन 12 अक्टूबर को होगा. तो दूसरी तरफ शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को महा अष्टमी अथवा नवमी तिथि को महानवमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां दुर्गा के 8वें स्वरूप मां महागौरी और नवमी तिथि को मां सिद्धि दात्री की पूजा आराधना का विधान है. अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का भी विशेष महत्व बताया जाता है. मान्यता है कि कन्या पूजन के बाद ही नवरात्रि व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है, तो ऐसी स्थिति में आपको हम आज इस रिपोर्ट में बताते हैं कि कब है अष्टमी और नवमी. क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त.

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:31 से अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 पर इसका समापन होगा. तो वहीं नवमी तिथि 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर सुबह 10:58 पर समाप्त होगी. इसके अलावा 11 अक्टूबर को अष्टमी व्रत नहीं रखा जाएगा, क्योंकि सप्तमी युक्त अष्टमी व्रत रखना धर्म ग्रंथो में निषेध माना जाता है. साथ ही 11 अक्टूबर को अष्टमी तिथि दोपहर तक रहेगी और उसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. अष्टमी अथवा नवमी का व्रत एक ही दिन रखा जा सकता है. इस वजह से इस वर्ष शादी नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन मनाई जाएगी.

11 अक्टूबर को कई शुभ मुहूर्त भी कन्या पूजन के लिए बन रहे हैं. जिसमें ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:40 से लेकर 5:29 तो अभिजीत मुहूर्त 11:43 से लेकर 12:30 तक रहेगा. विजय मुहूर्त 2:03 से लेकर 2:49 तो इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त 5:55 से लेकर 6:19 तक रहेगा. इस मुहूर्त में आप  कन्या पूजन कर सकते हैं.

नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है. क्योंकि लोग नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को नौ कन्याको भोजन कराते हैं. इन कन्याओं को माता रानी का स्वरूप माना जाता है. इनको शुद्ध और सात्विक भोजन कराया जाता है. अपने समर्थ अनुसार इनका दान दिया जाता है. ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न भी होती है.

Tags: Hindi news, Local18, Navratri festival, Religion 18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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