-1.4 C
Munich
Saturday, November 16, 2024

यूपी के इस किसान ने खेत को बना दिया मिनी चिड़ियाघर…27 देशों के 400 पक्षी भी हैं मौजूद

Must read


सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : जून से पहले चढ़ता हुआ पारा, भीषण लू के बीच मंगलवार को उत्तर प्रदेश मई में अब तक सबसे गर्म रहा. नौतपा के बीच एक साथ गर्मी ने कई रिकॉर्ड तोड़े. झांसी में पारा 49 डिग्री पहुंच गया, आगरा में दिन का तापमान 48.6 डिग्री रहा और वाराणसी का पारा 47.6 डिग्री रहा. पर्यावरणविदों का कहना है कि बढ़ते तापमान के पीछे लगातार वृक्षों का काटा जाना सबसे बड़ा कारण है. जंगलों का क्षेत्रफल कम होने से पर्यावरण का संतुलन तो बिगड़ा ही है बल्कि जीव-जंतुओं की हजारों लाखों प्रजातियों का प्राकृतिक आवास भी छिन रहा है. लेकिन शाहजहांपुर का एक ऐसा किसान जिसने अपने खेत में सैकड़ों की संख्या में पक्षियों को सुंदर घर मुहैया कराया है. इस किसान ने अपने खेत को चिड़ियाघर की तर्ज पर तैयार किया है. जिसमें देसी पक्षियों के साथ दर्जनों तरीके के विदेशी पक्षी और कुत्ते शामिल हैं.

शाहजहांपुर के किसान पंकज बाथम का कहना है कि शौक में जिंदगी है और इस जिंदगी में ही सब कुछ है. पंकज बाथम ने अपने शौक को पूरा करने के लिए अपने फार्म हाउस पर करीब 9 बीघा जमीन पर मिनी चिड़ियाघर बनाया है. इस चिड़ियाघर में 27 देश से लाए हुए 35 किस्म के करीब 400 पक्षी हैं. जिनकी देखरेख के लिए किसान ने यहां पर स्टाफ लगा रखा है. इतना ही नहीं पंकज बाथम ने अपने से चिड़ियाघर में सैकड़ो की संख्या में पेड़-पौधे भी लगाए हैं. जिसकी वजह से आसपास के क्षेत्र के मुकाबले यहां का तापमान भी कम रहता है.

आस्ट्रेलियाई और जापानी पक्षी शामिल
पंकज बाथम के इस चिड़ियाघर में ऑस्ट्रेलिया से लाई टर्की, फैंसी चिकन, हॉलैंड की पॉलिश कैप ब्लैक, वियतनाम योकोहामा, जापान की जापानी बैंटम, हॉलैंड की ईगल कैप, अमेरिका की सिल्की और ऑस्ट्रेलिया के गिनीफॉल चिकन की वैरायटी मौजूद है.

किसान के पास है दुनिया का सबसे छोटा कबूतर
पंकज बाथम के चिड़ियाघर में फ्रीजेंट की भी 5 वैरायटी के पक्षी मौजूद हैं, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की लेडी अमरेंट और रिवस, इसके अलावा मलेशिया की गोल्डन फ्रीजेंट, चीन की सिल्वर और अमेरिका की रिंगनेट फ्रीजेंट मौजूद है. दुनिया का सबसे छोटा कबूतर भी यहां देखने को मिल जाएगा. यहां चिड़ियाघर में 7 प्रजाति के अमेरिकी कबूतर भी मौजूद है. जिसमें जैकोबिन, फेंटल, फ्रिल बैक के साथ-साथ अन्य कई किस्मों के कबूतर है. यह सभी किस्म अमेरिका की ही हैं. खास बात यह है कि इन कबूतरों में दुनिया का सबसे छोटा कबूतर भी मौजूद है.

ऑस्ट्रेलियाई तोते भी हैं मौजूद
इस चिड़ियाघर में ऑस्ट्रेलियाई तोते भी रहते हैं, जिनकी 8 किस्में मौजूद है. इनमें कॉकटेल, एल्बिनो, बटरफ्लाई, ब्लैक सेट, क्रीम सेट, बजरीगर, पाइनएप्पल कनूर और ग्रीन एप्पल कनूर मौजूद है जो कि ऑस्ट्रेलिया में ही पाए जाते हैं.

सैंकड़ों पक्षियों का बसेरा है किसान का खेत
पंकज बाथम के मिनी चिड़ियाघर में पक्षियों की भी लंबी वैरायटी है, उनके पास मलेशिया के जावा, ऑस्ट्रेलिया के फ्रेंच, जिसमें टाइगर फ्रेंच, गोल्डन फ्रेंच, व्हाइट फ्रेंच, लॉन्गटेल, आउल फ्रेंच और असील मौजूद है.

30 साल में तैयार किया मिनी चिड़ियाघर
पंकज बाथम ने बताया कि यह चिड़ियाघर उन्होंने करीब 30 साल पहले बनाना शुरू किया था. जिसमें लगातार वह पक्षियों की संख्या बढ़ा रहे हैं. पंकज बाथम कहते हैं कि वह अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा पक्षियों के रख- रखाव पर खर्च करते हैं और वह इन पक्षियों को संरक्षण भी दे रहे हैं जो दुर्लभ किस्म के पक्षी हैं. उनकी जब संख्या बढ़ने लगती है तो उसमें से कुछ पक्षियों को खुले आसमान में छोड़ भी देते हैं. खास बात यह है कि पंकज बाथम में इस चिड़ियाघर में आने वाले किसी भी व्यक्ति से कोई पैसा नहीं लेते हैं. लोग अपने परिवार के साथ जाकर चिड़ियाघर में रह रहे पक्षियों को निहारते हैं.

Tags: Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article