यूएन में शहबाज शरीफ के भारत के खिलाफ जहर उगलने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। उन्होने कहा कि दूसरे की जमीन पर कब्जा करने वाले देश की असलियत सामने आनी चाहिए। शहबाज शरीफ ने यूएन में कहा था कि भारत हिंदुत्व के अजेंडे को लेकर चल रहा है और फिलिस्तीनियों की तरह जम्मू-कश्मीर के लोग भी अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इसपर जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान की आतंकवादी नीति कभी सफल नहीं हो पाएगी। पाकिस्तान को कभी माफ नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, अब केवल पीओके का मुद्दा बचा है जिसका हल निकालना है। वहीं लंबे समय से आतंकवाद का समर्थन करने की वजह से पाकिस्तान खुद में ही अकेला पड़ गया है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ खड़ी है। बता दें कि कुछ ही हफ्तों बाद एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान भी जाने वाले हैं। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में भारत की ज्यादा प्रतिभागिता नहीं रहेगी।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में जयशंकर ने यह भी कहा कि यूएन द्वारा घोषित वैश्विक ातंकवादियों को भी पाकिस्तान पनाह देता है। कुछ देशों में आतंकवाद नियंत्रण से बाहर हो गया है। वहीं पाकिस्तान जानबूझकर आतंक को शरण दे रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इन नीतियों की वजह से पड़ोसी देशों को नुकसान उठाना पड़ता है। पाकिस्तान की जीडीपी भी कट्टरपंथ और आतंकवाद से मापी जा रही है। हम देख सकते हैंकि पाकिस्तान की खराब नीतियों उसी के समाज को बर्बाद कर रही हैं। पाकिस्तान अपने कर्मों का फल भोग रहा है। वह दुनिया पर कोई आरोप लगाने के काबिल नहीं है।
जयशंकर ने कहा कि दुनिया हिंसा का समर्थन नहीं कर सकती। जयशंकर ने पाकिस्तान की कड़ी निंदा करते हुए कहा, ‘आज हम देख रहे हैं कि दूसरों पर जो मुसीबतें लाने की कोशिशें उसने (पाकिस्तान ने) की, वे उसके अपने समाज को निगल रही हैं। वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता। यह केवल कर्म का फल है।’ उन्होंने कहा कि दूसरों की भूमि पर कब्जा करने वाले एक असफल राष्ट्र को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए।
जयशंकर ने कहा, ‘हमने कल इसी मंच पर कुछ अजीबोगरीब बातें सुनीं। इसलिए मैं भारत की स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट कर देना चाहता हूं। पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं होगी और उसके सजा से बचने की कोई उम्मीद नहीं है। इसके विपरीत, कृत्यों के निश्चित रूप से परिणाम होंगे।’ उन्होंने कहा कि ‘भारत और पाकिस्तान के बीच अब केवल एक ही मुद्दा सुलझाया जाना शेष है कि पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करे और आतंकवाद के प्रति अपने दीर्घकालिक जुड़ाव को तिलांजलि दे।’
जयशंकर ने यह भी कहा कि आतंकवाद विश्व की सभी मान्यताओं के विपरीत है। उन्होंने कहा, ‘इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का दृढ़ता से विरोध किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में भी राजनीतिक कारणों से बाधा नहीं डाली जानी चाहिए।’’ जयशंकर की यह टिप्पणी पाकिस्तान के मित्र चीन द्वारा भारत और अमेरिका जैसे उसके सहयोगियों की ओर 1267 के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों को नामित करने के लिए प्रस्तुत प्रस्तावों पर बार-बार अड़ंगा डालने की पृष्ठभूमि में आई है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को आमसभा को संबोधित करते हुए जम्मू एवं कश्मीर का मुद्दा उठाया। उन्होंने अपने 20 मिनट से अधिक के भाषण में अनुच्छेद 370 और हिज्बुल आतंकवादी बुरहान वानी का जिक्र किया था। (भाषा से इनपुट्स के साथ)