Parenting Tips From Premanand Maharaj : वृंदावन में रहने वाले भगवान कृष्ण और राधा रानी के परम भक्त प्रेमानंद महाराज को कौन नहीं जानता? प्रेमानंद महाराज न सिर्फ़ वृंदावन तक ही सीमित हैं बल्कि देश दुनिया में उनकी बड़ी संख्या में फॉलोअर्स है. महाराज जी के छोटी से छोटी बातों पर दी गई सीख के वीडियो के सोशल मीडिया पर अपलोड होते ही तेज़ी से वायरल हो जाते हैं. इस समय जो वीडियो वायरल हुआ है उसके आधार पर प्रेमानंद महाराज ने हर माता-पिता को एक बड़ी सीख दी है. जिसमें उन्होंने कहा है कि माता-पिता को भूल कर भी अपने बेटे को ऐसी बात नहीं कहना चाहिए, क्या है वो बात आइए जानते हैं?
बेटे से क्या ना कहें माता-पिता? (Parents Never Say These Things to Son)
माता-पिता को प्रेमानंद महाराज की सीख
प्रेमानंद महाराज ने हर माता-पिता को बच्चों की परवरिश से जुड़ी एक महत्वपूर्ण सलाह दी है. महाराज के अनुसार जिस घर में माता-पिता भजन नहीं करते और धर्म से नहीं चलते वे अपने बेटे को किस तरह सुधारेंगे.
महाराज का कहना है कि ऐसे माता पिता अपने बच्चे को हर वक़्त पैसा कहां से और कैसे कमाना यही सीख देते हैं. ऐसे बच्चे मनमाना आचरण अपनाते हैं. इसलिए माता पिता को बच्चों के सामने भूलकर भी ग़लत आचरण पेश नहीं करना चाहिए.
किन्हें मिलती है भगवत शिक्षा?
प्रेमानंद महाराज के अनुसार जिस घर में माता पिता धार्मिक आचरण अपनाते हैं और भगवान का भजन कीर्तन करते हैं उनके बच्चे भी वैसा ही सीखते हैं और उन्हीं बच्चों को आगे चलकर भगवत की शिक्षा प्राप्त होती है. ऐसे ही बच्चों को आगे चलकर धर्मात्मा की प्राप्ति होती है. यही लोग भगवान के भक्त और राष्ट्रभक्त भी बनते हैं.
माता पिता से ही सीखते हैं
प्रेमानंद महाराज के अनुसार बच्चे वही सीखते हैं जो घर में अपने माता पिता को करते हुए देखती हैं. अगर आप अच्छा आचरण अपनाते हैं तो बच्चे उसी का अनुसरण करते हैं और अगर आप ग़लत आचरण अपनाते हैं तो बच्चे भी आगे चलकर वैसे ही निकलते हैं.
ध्यान रखें माता पिता
आगे महाराज जी का कहना है कि जब भी आपको पता चले कि माता पिता बनने वाले हैं या आप गर्भवती हैं तभी से पति-पत्नी दोनों ही ब्रह्मचर्य का पालन करें.
बच्चों से ज़्यादा ज़रूरी है माता पिता को सीखना
महाराज जी का कहना है कि आज के समय में बेटे या बच्चों से ज़्यादा ज़रूरी है माता पिता को सीखना. क्योंकि अगर माता पिता अपना आचरण सही रखेंगे तो बच्चे भी आपके ही आचरण का अनुसरण करेंगे.
क्या करें माता-पिता
अंत में प्रेमानंद महाराज ने कहा कि भगवान की शरण में जाना चाहिए, बूढ़े माता पिता की सेवा करना चाहिए, भगवान के नाम का जाप करना चाहिए और अपने माता पिता में भगवान को देखना चाहिए इन्हीं कर्मों से ही भगवान प्रसन्न होते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)