धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह वही स्थान है जहां देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव की प्रतीक्षा की थी. यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है, जहां पर पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट आपस में मिलते हैं. यह क्षेत्र हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन स्थल भी है.