पीलीभीत: पीलीभीत टाइगर रिज़र्व पर्यटकों के बीच केवल बाघों के लिए ही लोकप्रिय है. लेकिन तराई का यह ख़ूबसूरत जंगल बाघों व अन्य वन्यजीवों ही नहीं बल्कि जलीय जीवों के लिए भी काफी अधिक मुफीद है. इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में एक्वेटिक वाइल्ड लाइफ स्कूल (वर्कशॉप) का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत 25 से भी अधिक विशेषज्ञ प्रतिभागियों को जलीय जीवों के संरक्षण के गुण सिखाएंगे. वहीं इस दौरान पीलीभीत टाइगर रिजर्व में दुर्लभ प्रजाति के कछुए भी रिलीज किए जाएंगे.
शुरू हुई वर्कशॉप
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत टाइगर रिज़र्व में 4 से 9 नवंबर तक देश की 7वीं एक्वेटिक स्कूल वर्कशॉप आयोजित की जा रही है. इस कार्यक्रम को टर्टल सर्विलांस अलायन्स संस्था की ओर से आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम का आयोजन टीएसए शैलेंद्र सिंह, डॉ. अरुणिमा, सुष्मिता कार, श्रीपर्णा दत्ता द्वारा किया जा रहा है. इस कार्यशाला के दौरान देशभर के तकरीबन 25 से भी अधिक विशेषज्ञ कार्यशाला के प्रतिभागियों को जलीय जीवों के संरक्षण के गुण सिखाएंगे.
कछुओं को भी रिलीज किया जाएगा
इस कार्यक्रम के दौरान पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज के लिटसिया ताल में दुर्लभ प्रजाति के ट्राईकेरिनेट हिल कछुओं को रिलीज किया जाएगा, जिसमें 10 नर व 20 मादाएं शामिल हैं. इन कछुओं को लखनऊ स्थित कुकरैल ब्रीडिंग सेंटर से लाया गया है. 5 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में भारत के साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागी भी शामिल हैं.
जलीय जीवों के लिए मुफीद
टीएसए इंडिया डायरेक्टर शैलेंद्र सिंह ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि पीलीभीत प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है. यहां जलस्रोतों का विस्तृत जाल है, ऐसे में जलीय जीवों के लिहाज से यह काफी अधिक महत्वपूर्ण है. संस्था की ओर से इस क्षेत्र में तमाम काम किए जाएंगे. अभी कछुए छोड़े जा रहे हैं क्योंकि ये जगह जलीय जीवों के लिए मुफीद है.
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FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 12:04 IST