नई दिल्ली. बैटिंग बेकार, गेंदबाजी में नहीं नजर आई धार, फील्डिंग देखकर भी ना आए करार तो फिर कैसे जीतोगे रोहित सरकार. खेल के तीनों डिपार्टमेंट में इंडिया को चारों खाने चित्त करते हुए किवी टीम ने वो किया जो आजतक कोई नहीं कर पाया . टीम इंडिया ने 1933-34 में पहली बार घरेलू सरजमीं पर टेस्ट सीरीज खेली थी, जो इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज थी, जिसमें इंग्लैंड ने 2-0 से जीत दर्ज की थी. अब न्यूजीलैंड टेस्ट क्रिकेट के इतिहास की पहली ऐसी टीम बनी, जिसने भारत को भारत में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 3-0 से शिकस्त दी. न्यूजीलैंड ने टॉम लाथम की कप्तानी में यह ऐतिहासिक कमाल किया.
मुंबई टेस्ट में मिली हार इसलिए सालों साल हमें दर्द देगी क्योंकि टीम सिर्फ 2 दिन और दो सेशन में हार गई. दूसरी पारी में भारतीय टीम 29.1 ओवर में निपट गई. पारी पारी में भी भारत ने सिर्फ 59.1 ओवर बल्लेबाजी की थी .
हर पारी में हुआ ताश के पत्तो की तरह ढहना
अब सीरीज में भारतीय टीम का सफाया हो चुका है सितारें जमीं पर आ चुके है . टीम इंडिया के आसामान से जमीन पर आने की सबसे बड़ी वजह बल्लेबाजी का कोलैप्स यानि गुच्छो में बल्लेबाजों का आउट होना रहा . बैंगलुरु टेस्ट से सिलसिलेवार तरीके से आपको समझाते है
बैंगलुरु टेस्ट – पहली पारी 46 पर आल आउट , दूसरी पारी में टीम का स्कोर एक समय 408/3 था पर पूरी टीम 462 पर सिमट जाती है. यानि 54 रन जोड़कर 7 बल्लबाज आउट
पुणे टेस्ट- पहली पारी में टीम का स्कोर 50 पर 1 विकेट और फिर अचानक गिरे विकेट और 103 पर 7 विकेट गिर गए यानि 53 रन जोड़ने में टीम इंडिया ने 7 विकेट खो दिए. दूसरी पारी में स्कोर 96 पर 1 विकेट और फिर थोड़ी देर में स्कोरबोर्ड पर नजर जाती है तो स्कोर 167/7 यानि 71 रन जोड़ने में 6 बल्लेबाज आउट
मुंबई टेस्ट – पहली पारी में स्कोर 180 पर 4 विकेट और फिर पूरी टीम 263 आउट हो जाती है यानि फिर हमनें 83 रन पर 6 विकेट खो दिए . दूसरी पारी में तो पूरी टीम 121 पर आउट हो गई.
दो बड़े नाम नहीं कर पाए कोई काम
भारतीय टीम के दो बड़े नाम रोहित शर्मा और विराट कोहली रनों के लिए जूझते नजर आए. इस सीरीज में किंग कोहली पूरी तरह से बेअसर रहे. विराट कोहली इस 3 मैचों की सीरीज के 6 पारी में 100 का आंकड़ा तक पार नहीं कर सके. उन्होंने 6 पारी में 15.50 की औसत से सिर्फ 93 रन बनाए। इस दौरान किंग कोहली की एक पारी 70 रन की निकली अगर उसे हटा दे तो उनके बल्ले से बाकी 5 पारियों में 23 रन ही बने हैं. वही रोहित ने. 6 पारियों में कुल 91 रन बनाए, रोहित ने 2,52,0,8,18 और 11 रन की पारी तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में खेली, जबकि कोहली ने पांच मैच में 0,70,1,17,4 और 1 रन बनाए।
विदेशी फिरकी पास, देसी फिरकी फेल
भारत- न्यूजीलैंड एक ऐसी सीरीज बन गई है, जिसमें स्पिन गेंदबाजों ने सबसे ज्यादा अब तक 71 विकेट हासिल किए हैं। इससे पहले साल 1969 में ही भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 69 विकेट स्पिनर्स ने हासिल किए थे। अब तक इस टेस्ट सीरीज में वॉशिंगटन सुंदर ने सबसे ज्यादा 16 विकेट लिए हैं, तो वहीं दूसरे नंबर पर 15 विकेट के साथ रवींद्र जडेजा और 13 विकेट के साथ मिचेल सेंटनर तीसरे नंबर पर काबिज हैं। पर अश्विन को न्यूजीलैंड के खिलाफ इस तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में सिर्फ 9 विकेट ही हासिल कर पाए. मुंबई टेस्ट की पहली पारी में रविचंद्रन अश्विन के हाथ कोई भी विकेट नहीं लगा. दूसरी पारी में इस गेंदबाज ने हालांकि 3 विकेट लेकर अपनी लाज बचाई.मजे की बात ये है कि इतने विकेट स्पिन गेंदबाजों को मिले, भारतीय टीम ने अंतिम दोनों टेस्ट में 3-3 स्पिनर खिलाए फिर भी सीरीज बुरी तरह हार गए . साफ है ना तो भारतीय टीम स्पिन खेल पाई और ना ही बल्लेबाजों ने स्कोरबोर्ड पर इतने रन लगाए कि गेंदबाजों को कोई मौका मिले .
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FIRST PUBLISHED : November 3, 2024, 16:01 IST