मऊ: उत्तर प्रदेश का मऊ जनपद अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. इस जनपद का गठन 19 नवंबर 1988 को हुआ था. पहले यह आजमगढ़ जनपद का हिस्सा था, लेकिन तत्कालीन सांसद कल्पनाथ राय की पहल और प्रयासों के कारण मऊ को अलग जनपद का दर्जा मिला. आज भी मऊ को “विकास पुरुष” के नाम से प्रसिद्ध कल्पनाथ राय की विरासत के लिए याद किया जाता है.
बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी डॉ धर्म सिंह गौतम लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि मऊ जनपद मे पुराने ऋषियों का आश्रम रहा है. कहा जाता है कि श्री राम वनवास के दौरान यहां आए थे. साथ ही पांडव यहां आए हुए थे.
जिले का विकास
यदि बात की जाए विकास की तो इस मऊ जनपद का असली विकास कल्पनाथ राय ने अपने कार्यकाल में किया. मऊ जनपद में चार तहसील है और चार विधानसभा है. अगर बात करें ब्लॉकों की तो इस जनपद में 09 ब्लॉक और 4 तहसील है. साथ ही 12 थाना बनाए गए हैं. मऊ जनपद के मुख्यालय पर कलेक्ट परिसर में ही जिलाधिकारी कार्यालय और एसपी कार्यालय समेत विभिन्न विभागों के कार्यालय बनाए गए हैं.
देवस्थली के नाम से फेमस
मऊ जनपद को संसद कल्पना राय के नाम से जाना जाता है. दरअसल कल्पनाथ राय ने ही इस जनपद का गठन किया था. जिन्हें आज भी विकास पुरुष के नाम से जाना जाता है. इस मऊ जनपद को देवस्थली के नाम से जाना जाता है. यहां सबसे फेमस स्थान देवलाश है जहां डाला छट पर एक सप्ताह का मेला लगता है.
पुरानी बिल्डिंग
मऊ जनपद के एक तरफ आजमगढ़ तो पूर्वी छोर पर बलिया, दक्षिणी छोर पर गाजीपुर और उत्तरी छोर पर गोरखपुर बसा हुआ है. यह जनपद घाघरा नदी के किनारे बसा हुआ है. मऊ जनपद में जितनी पुरानी बिल्डिंग दिखाई देती है वह भी विकास पुरुष कल्पनाथ राय के द्वारा ही बनाया गया है.
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FIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 11:25 IST