चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किया गया था और विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो चुका है। लेकिन, अभी तक महायुति के मुख्यमंत्री को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, क्योंकि, अब तक न तो बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई है और न ही महायुति की बैठक हुई है।
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के कई दिन बाद भी महायुति में मुख्यमंत्री के नाम पर कोई फैसला नहीं हो सका है। इस बीच शुक्रवार को एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव सातारा चले गए, जिसके चलते महायुति की बैठक टालनी पड़ी। इधर सतारा जाने के रास्ते में शिंदे ने एनसीपी-एसपी के नेता जितेंद्र आव्हाड से मुलाकात कर राज्य का सियासी पारा बढ़ा दिया है। इस मुलाकात के पीछे क्या वजह है, इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है।
इससे एक दिन पहले गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि महायुति में सबकुछ ठीक है और शुक्रवार को महायुति की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा। लेकिन, इस बैठक को उस वक्त टालना पड़ा जब कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव सातारा चले गए। इतना ही नहीं सतारा के रास्ते में शरद पवार के करीबी जितेंद्र आव्हाड से मुलाकात कर शिंदे ने सियासी अटकलों को तेज कर दिया है।
दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम 23 नवंबर को घोषित किया गया था और विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो चुका है। लेकिन, अभी तक महायुति से महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हो पाई है, क्योंकि, अभी तक न ही बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई है और न ही महायुति की बैठक हुई है। ऐसे में चर्चा है कि महायुति में सबकुछ ठीक नहीं है।
हालांकि, हाल ही में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें बीजेपी का मुख्यमंत्री भी मंजूर है। महायुति और बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व जो फैसला लेगा, हम समर्थन करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। ऐसे में एकनाथ शिंदे की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़ा होने लगा। क्या वह महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम बनकर काम करने के लिए तैयार होंगे, या फिर मंत्रिमंडल में शामिल होंगे?
कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे को केंद्र की ओर से केंद्रीय मंत्री बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया है। इसके अलावा डिप्टी सीएम पद का भी ऑफर दिया गया है। अगर एकनाथ शिंदे केंद्रीय मंत्री बनने पर सहमति देते हैं तो उनके गुट से किसी को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि अब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर बीजेपपी विधायक दल की बैठक एक दिसंबर को हो सकती है। इस दौरान दो ऑब्जर्वर्स की मौजूदगी में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जा सकता है। लेकिन उससे पहले एकनाथ शिंदे की नाराजगी की चर्चा ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।