-1.9 C
Munich
Tuesday, March 4, 2025

2027 में बसपा के दो खेवनहार! कौन हैं आनंद कुमार और रामजी गौतम? जिनपर मायावती ने जताया भरोसा

Must read


Last Updated:

Anand Kumar and Ramji lal Gautam : बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को एक फैसला लेकर सबको हैरान कर दिया. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया. मायावती ने आकाश को बसपा के सभी …और पढ़ें

मायावती ने रामजी गौतम और आनंद कुमार को जिम्मेदारी सौंपी.

हाइलाइट्स

  • मायावती ने भतीजे आकाश को सभी पदों से हटाया.
  • आनंद कुमार और रामजी गौतम को नई जिम्मेदारी दी.
  • आकाश की जगह पिता आनंद कुमार बने राष्ट्रीय समन्वयक.

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रविवार को एक बड़े बदलाव का संकेत दिया. लखनऊ में पार्टी की एक अहम बैठक के बाद बीएसपी ने एक बयान जारी कर कहा है कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है. उनके पिता और पार्टी महासचिव आनंद कुमार को राज्यसभा सांसद रामजी गौतम के साथ नए राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया है. आइए जानते हैं कि आखिर बुआ ने भतीजे को हटाने के बाद अपने जिन भाईयों पर विश्वास दिखाया है वो कौन हैं? उनका राजनीतिक करियर कैसा रहा है.

रामजी गौतम का कांटों भरा रहा सफर
एक बार फिर 48 साल के राज्यसभा सांसद रामजी लाल गौतम काफी सुर्खियों में आ गए हैं. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर (खीरी) के रहने वाले रामजी 1980 के दशक के आसपास बसपा में शामिल हुए थे. पार्टी ने उन्हें बांदा का कोऑर्डिनेटर बनाया. बाद में कई जिलों की भी जिम्मेदारी सौंपी. उन्हें 2018 में पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था. बीएसपी में अध्यक्ष के बाद उपाध्यक्ष को ही सबसे ताकतवर नेता माना जाता है. 1980 से जुड़े होने के कारण रामजी गौतम को मायावती अपना भाई ही जैसा मानती हैं. वो उन पर सबसे पुराने सहयोगी होने की वजह से काफी भरोसा करती है. इसी वजह से आज एक बार फिर उन्होंने रामजी गौतम को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है.

बुआ को भतीजे पर भरोसा नहीं? मायावती ने आकाश आनंद की बसपा से पारी की खत्म! सभी पदों से हो गई छुट्टी

48 साल के गौतम केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं. वे एमबीए भी कर चुके हैं. बुंदेलखंड में वे पार्टी के कोऑर्डिनेटर रहे, तेलंगाना में भी गौतम बीएसपी का काम काज देख चुके हैं. अब रामजी गौतम राष्ट्रीय समन्वयक बन गए हैं. अगर उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बताएं तो उनकी पत्नी का नाम वर्तिका चौधरी हैं. उनके एक बेटा और एक बेटी है.

कभी राजाराम तो कभी आलोक वर्मा…
हालांकि, कहा जाता था कि बीएसपी में जो भी उपाध्यक्ष बना, उनका कभी भला नहीं हुआ. कांशीराम के रहते मायावती के पास ये जिम्मेदारी थी. फिर साल 2001 में वे पार्टी की अध्यक्ष बन गईं. उनके बाद जो भी उपाध्यक्ष बना वो राजनीति में हाशिए पर चए गए. राजाराम कभी मायावती के उत्तराधिकारी माने जाते थे. आजमगढ़ के दलित नेता राजाराम को मायावती ने उपाध्यक्ष बनाया था. वे राज्यसभा के सांसद भी बने, लेकिन मायावती किसी बात पर नाराज हुईं और राजाराम फिर गयाराम बन गए. बहनजी ने उन्हें दोबारा सांसद नहीं बनाया. इस बीच, कुछ समय के लिए आलोक वर्मा को बीएसपी का उपाध्यक्ष बनाया गया. मायावती ने चुनाव आयोग को जब इस बारे में चिट्ठी भेजी तो सब हैरान रह गए पार्टी में किसी को भी आलोक वर्मा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी न तो किसी ने उन्हें देखा था और न ही उनके बारे में सुना था.

Chamoli Avalanche: 57 घंटे, 200 जवान और 39 मजदूरों को मिली नई जिंदगी, जानिए बद्रीनाथ में कैसे हुआ ‘चमत्कार’

फिर आई आनंद कुमार की बारी, मगर…
वहीं, मायावती ने अपने छोटे भाई आनंद कुमार को भी बीएसपी का उपाध्यक्ष बनाया. कहते हैं कि बहनजी अपने भाई को बहुत मानती हैं, लेकिन आनंद कुछ ही महीनों तक ही अपनी कुर्सी बचा पाए. उनकी जगह मायावती ने जयप्रकाश सिंह को उपाध्यक्ष बना दिया था. दो ही महीनों में वे पार्टी से भी बाहर हो गए. मगर, एक बार फिर मायावती ने आनंद कुमार और रामजी गौतम को एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है.

मायावती के छोटे भाई
बता दें, आनंद कुमार बसपा सुप्रीमो मायावती के छोटे भाई हैं. उनके बेटे आकाश आनंद हैं जो आजकल मायावती की राजनीतिक विरासत को संभाले हुए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आनंद कुमार नामी-बेनामी अकूत संपत्तियों के मालिक हैं. आनंद कुमार नोएडा विकास प्राधिकरण में क्लर्क हुआ करते थे. 1994 में नोएडा प्राधिकरण में बतौर क्लर्क नौकरी की शुरुआत की थी. मगर, छह साल के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपना बिजनेस किया. उस वक्त तक न तो आनंद और न हीं उनके कारोबार की कोई खास चर्चा थी. साल 2007 में जब मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं तब आनंद पहली बार लाइमलाइट में आए. मायावती के कार्यकाल में आनंद कुमार ने धड़ाधड़ एक के बाद एक कंपनियां खोलीं और उनका कारोबार रॉकेट की रफ्तार से फला-फूला.

2019 में आई थी मुसीबत
साल 2019 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता की नोएडा में करीब 400 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच कर दी थी. नवंबर 2016 में जब सरकार ने नोटबंदी की थी, उस वक्त भी आनंद काफी चर्चाओं में आए थे. तब आनंद के खाते में 1.43 करोड़ रुपये जमा हुए थे, जिसकी जांच शुरू हो गई थी.

आकाश आनंद की छुट्टी
अब एक बार फिर आनंद सुर्खियों में हैं. इसका कारण उन्हें राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त करना है. पिछले साल दिसंबर 2023 में मायावती ने अपने भतीजे आकाश को नेशनल को-ऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान उनके विवादित बयानों ने पार्टी को मुश्किल में डाल दिया था. मई 2024 में मायावती ने उन्हें इन जिम्मेदारियों से हटा दिया था और अब ताजा फैसले में उनकी पूरी तरह छुट्टी कर दी गई है. अब उनसे छिनी गई जिम्मेदारी उनके ही पिता को दे दी गई है.

homeuttar-pradesh

2027 में BSP के दो खेवनहार! कौन हैं आनंद कुमार और रामजी गौतम? जिनपर मायावती…



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article