22.1 C
Munich
Saturday, July 27, 2024

अयोध्या ही नहीं, राम वनगमन पथ की सभी सीटों पर BJP की करारी हार

Must read


हाइलाइट्स

बीजेपी उत्तर प्रदेश में 2019 की तुलना में इस बार आधी सीट पर ही सिमट गईबीजेपी के परफॉरमेंस पर सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या सीट को लेकर है

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों के परिणाम न सिर्फ पॉलिटिकल पंडितों के बीच चर्चा का विषय है, बल्कि जनता भी इस बात के आंकलन में जुटी है कि ऐसा हुआ कैसे? वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सुशासन देश ही नहीं विदेशों में भी चर्चा का विषय है. इसके बावजूद बीजेपी उत्तर प्रदेश में 2019 की तुलना में इस बार आधी सीट पर ही सिमट गई. बीजेपी के परफॉरमेंस पर सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या सीट को लेकर है, जहां भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान रहे. इसके अलावा बीजेपी अयोध्या सीट भी नहीं बचा पाई.

इतना ही नहीं अगर आंकड़ों को देखें तो प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार राम वनगमन पथ परियोजना के क्षत्र में आने वाली लोकसभा सीटें भी बीजेपी नहीं बचा पाई. इन सीटों में सबसे अहम निषाद वोटर था? क्या बीजेपी इस समुदाय का भी वोट नहीं मिला? इस सवाल के जवाब में निषाद पार्टी और NDA के सहयोगी संजय निषाद का अपना अलग ही तर्क है. लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद उन्होंने कहा विपक्ष के द्वारा दलित आरक्षण खत्म होने की अफवाह से नुकसान हुआ. बीजेपी और NDA जमीन पर इस अफवाहों का खंडन नहीं कर सकी. बीजेपी का अति आत्मविश्वास भी हार का कारण बना. निषाद समुदाय ने एकजुट होकर NDA को वोट किया.

राम वनगमन पथ रूट में आने वाली सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन
राम मंदिर निर्माण के साथ ही बीजेपी सरकार ने उन जगहों को चिन्हित किया जहां से भगवान श्रीराम वनवास के लिए गए थे. उन्हें पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए राम वनगमन पथ प्रोजेक्ट पर काम चालू है. इस परियोजना में यूपी के पांच जिले हैं. जिनमें अयोध्या, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज और चित्रकूट. लोकसभा चुनावों में इन सभी सीटों में बीजेपी को हार मिली है. अयोध्यामे लल्लू सिंह सपा के अवधेश प्रसाद से हार गए. सुल्तानपुर में बीजेपी की मेनका गांधी सपा के रामभुआल निषाद से हार गईं, प्रतापगढ़ में बीजेपी के संगम लाल गुप्ता, प्रयागराज में नीरज त्रिपाठी, और चित्रकूट-बांदा सीट पर भी बीजेपी चारों खाने चित हो गई.

Tags: 2024 Loksabha Election, Loksabha Election 2024



Source link

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article