अहमदाबाद समाचार : कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार अहमदाबाद में एतिहासिक भगवान जगन्नाथजी की 143वीं रथयात्रा में जनता को शामिल नहीं किया जायेगा। रथयात्रा में भगवान के केवल तीन रथों को ही शामिल किया जायेगा। फिर भी रथयात्रा की सुरक्षा व्यवस्था यथावत रखी गयी है। पांच दिन पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों के जवानों को बुला लिया जायेगा। धर्मावलम्बियों को घर बैठे टेलीविजन के माध्यम से रथयात्रा का दर्शन करने के लिए समझाया जायेगा। रथयात्रा में लोगों को शामिल होने से रोकने के लिए नाकाबंदी की जायेगी। रथयात्रा के दिन 23 जून को केवल तीन रथों और निश्चित संख्या बल के साथ ही रथयात्रा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। यह रथयात्रा केवल पांच घंटे में ही पूरी कर ली जायेगी। रथयात्रा में रथ खींचने वाले खलासी भाई और निश्चित गणमान्य व्यक्तियों सहित कुल 120 लोग ही शामिल होंगे। रथयात्रा में जनता को शामिल नहीं किया जायेगा फिर भी सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी नहीं होगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार आम लोगों को रथयात्रा में शामिल होने से रोकने के लिए सख्त इंतजाम किए जायेंगे।
गुजरात के विविध जिलों से पुलिसकर्मियों की तैनाती के अतिरिक्त अर्धसैनिक बल तथा राज्य आरक्षित बल सहित कुल 20 हजार जवानों को तैनात किया जायेगा। 23 जून को रथयात्रा के तीन दिन पहले 20 जून से ही सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया जायेगा। विविध जिलों से पुलिस जवान और अर्धसैनिक बल 17 जून से ही उपलब्ध करवाने का आयोजन किया गया है। सूत्रों की मानें तो इस बार रथयात्रा के पहले से ही आवागमन पर विशेष निगरानी रखी जायेगी। विविध नाकों पर सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया जायेगा। राज्य में लॉकडाउन के कारण पुलिसकर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गयीं थी। लॉकडाउन खुलते ही छुट्टियां दी जा रही थी। पाबंदी समाप्त कर दी गयीं थी। परन्तु रथयात्रा के मद्देनजर अब फिर सुरक्षाकर्मियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गयी हैं।