कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं, इनमें से एक कोलकाता उत्तर लोकसभा सीट भी है। परिसीमन के बाद कलकत्ता उत्तर-पश्चिम और कलकत्ता-पूर्व को मिलाकर कोलकाता उत्तर सीट का गठन किया गया। इस लोकसभा सीट के तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें चौरंगी, एन्टाली, बेलेघाटा, जोरासांको, श्यामपुकुर, मानिकतला और काशीपुर बेलगछिया विधानसभा सीटें शामिल हैं। साल 2009 में पहली बार इस सीट पर मतदान हुआ, जिसमें टीएमसी को जीत मिली और तब से अभी तक इस सीट पर टीएमसी का ही कब्जा है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर टीएमसी को कड़ी टक्कर देती है।
2014 का चुनाव और उसके समीकरण
यहां साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो हम देखेंगे कि पश्चिम बंगाल में पांच चरणों के तहत 17,24, 30 अप्रैल और 7, 12 मई को मतदान हुए। इनमें कोलकाता उत्तर लोकसभा सीट पर 12 मई को मतदान हुआ। इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुकाबला देखने को मिला। टीएमसी ने जहां सुदीप बंदोपाध्याय को यहां से प्रत्याशी बनाया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी से राहुल सिन्हा चुनावी मैदान में उतरे। 16 मई 2014 को पूरे देश में एक साथ सभी लोकसभा सीटों का परिणाम घोषित किया गया। इसमें कोलकाता उत्तर लोकसभा सीट पर टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय को 343687 वोट मिले, जबकि 247461 वोटों के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता राहुल सिन्हा दूसरे स्थान पर रहे।
2019 का चुनाव और उसके समीकरण
वहीं 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस बार सभी सातों चरणों में पश्चिम बंगाल की विभिन्न सीटों पर मतदान हुआ। कोलकाता उत्तर लोकसभा सीट पर सबसे आखिरी तरण में 19 मई को वोट डाले गए। इस बार भी टीएमसी ने सुदीप बंदोपाध्याय को अपनी तरफ से उम्मीदवार बनाया जबकि भारतीय जनता पार्टी ने भी दोबारा राहुल सिन्हा को चुनावी मैदान में उतारा। वहीं 23 मई 2019 को घोषित हुए चुनाव परिणामों में जहां टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय को 474891 वोट मिले तो वहीं भाजपा नेता राहुल सिन्हा को 347796 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा। साल 2019 में भी टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय ही सांसद चुनकर लोकसभा गए।
क्या कहती है कोलकाता उत्तर सीट की सियासत
वहीं कोलकाता उत्तर लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट का गठन होने के बाद से यहां पर टीएमसी का पूरी तरह से दबदबा देखा गया है। यहां पर अब तक हुए लोकसभा चुनावों में टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय हर बार सांसद चुने गए। वहीं अन्य दलों की बात करें तो बीजेपी यहां पर दूसरे बड़ी पार्टी के रूप में खड़ी है, जो हर चुनाव में टीएमसी को टक्कर देती है। हालांकि अभी तक बीजेपी को हार का ही सामना करना पड़ा है, लेकिन आगे के चुनावों में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। गौरतलब है कि टीएमसी नेता संदीप बंदोपाध्याय पर कई तरह के गंभीर आरोप भी लगे हैं, वहीं बीजेपी इस बार तीसरे टर्म की बात कह कर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। ऐसे में आगामी चुनाव में किसकी जीत होगी ये मतदान के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
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