2024 के लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन बचे हैं। आगामी आम चुनाव की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जोर-शोर से जुटी हुई हैं। राजधानी भुवनेश्वर लोकसभा की सीट प्रतिष्ठा की सीट रही है। अपाराजिता सरंगी भुवनेश्वर से 2019 लोकसभा चुनाव में चुनी गई थीं। 2008 के परिसीमन के बाद भुवनेश्वर लोकसभा सीट के तहत 7 विधानसभा की सात सीटें हैं- जयदेव, भुवनेश्वर मध्य, भुवनेश्वर उत्तर, एकमारा भुवनेश्वर, जटनी, बेगुनिया और खुर्दा। 2014 के विधानसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर बीजेडी की जीत हुई। 2019 में भुवनेश्वर की सीट पर बीजेडी को बीजेपी और कांग्रेस दोनों से चुनौती मिलेगी। मगर, असली मुकाबला बीजेडी और बीजेपी में होता दिख रहा है। कांग्रेस में भी चमत्कार दिखाने की क्षमता है। मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद जताई जा रही है।
क्यों फेमस है भुवनेश्वर?
भुवनेश्वर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र ओडिशा के 21 संसदीय क्षेत्र में से एक है। यह शहर ओडिशा की राजधानी है। इसी क्षेत्र में कोणार्क में विश्व प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। इसी क्षेत्र में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में प्रसिद्ध कलिंग युद्ध हुआ था। भुवनेश्वर को पूर्व का काशी भी कहा जाता है। यह प्रसिद्ध बौद्ध एवं जैन स्थल भी है। यहां आश्चर्यजनक मंदिरों तथा गुफाएं पर्यटकों को ललचाती हैं। यहां पत्थर से बनी खूबसूरत मूर्तियां और बर्तन मिलते हैं। इस क्षेत्र की साडि़यां भी काफी लोकप्रिय हैं। खास कर जरीदार काम वाली साड़ी।
कितने मतदाता हैं?
भुवनेश्वर लोकसभा सीट में 7 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। उनमें से 7,90,394 पुरुष वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 9,08,758 हैं। थर्ड जेंडर के मतदाता 526 हैं। 2019 में कुल वोटरों की संख्या 10,05,215 थी। जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 5,34,680 और महिला मतदाता 4,68,962 थीं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 59.14% था।
साल 2019 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी की अपराजिता सारंगी ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 486,991 वोट मिले थे। दूसरी ओर बीजू जनता दल (BJD) के टिकट पर चुनाव लड़े अरूप मोहन पटनायक को 463,152 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर 23,026 वोटों के साथ सीपीएम के जनार्दन पाटी तीसरे नंबर पर रहे थे।
साल 2014 के चुनाव के नतीजे क्या थे?
भुवनेश्वर लोकसभा सीट से 1998 के बाद से 2019 तक लगातार बीजेडी के प्रसन्न कुमार पाटसनी सांसद थे। 2014 लोकसभा चुनाव में प्रसन्न कुमार पाटसनी ने 49.25 फीसदी वोट हासिल किए। उन्हें 4 लाख 39 हज़ार 252 वोट मिले। बीजेपी दूसरे स्थान पर रही जिसके प्रत्याशी पृथ्वीराज हरिचंदन को 2 लाख 49 हजार 775 वोट हासिल हुए। इस तरह 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रसन्न कुमार पाटसनी ने 1 लाख 89 हजार 477 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। कांग्रेस के बिजय मोहन्ती तीसरे स्थान पर रहे जिन्हें 1 लाख 45 हजार 783 वोट मिले।
जातीय समीकरण क्या है?
भुवनेश्वर लोकसभा क्षेत्र की आबादी 18 लाख 86 हजार 793 है। आधी आबादी शहर में रहती है, जबकि 49 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या ग्रामीण है। अनुसूचित जाति की आबादी 13.04 फीसदी है जबकि यहां आदिवासियों की जनसंख्या 5.08 प्रतिशत है।
साल 2019 में कब हुए थे चुनाव?
चुनाव आयोग ने 10 मार्च, 2019 को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। चुनाव आयोग द्वारा 7 चरणों में 2019 के चुनाव कराए जाने की घोषणा की गई थी। ये चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक चले थे। वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी।
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