कानपुर विश्वविद्यालय के नाम एक और कीर्तिमान जुड़ गया है. कानपुर विश्वविद्यालय लगातार ग्लोबल यूनिवर्सिटी बनने की ओर अग्रसर है, यहां पर देश ही नहीं बल्कि विदेशी विश्वविद्यालय के साथ भी कई करार हुए हैं जिसके तहत नए तकनीकियों नए शोधकर किया जा रहे हैं. इसी क्रम में अब कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय का रूस के फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी के साथ एक करार हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों के विश्वविद्यालय एक साथ मिलकर काम करेंगे. इसके तहत नई तकनीकियों को विकसित करने का काम किया जाएगा. साथ ही, इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा और दोनों देश एक दूसरे की एक्सपर्टीज का इस्तेमाल करके नई तकनीक विकसित करेंगे.
छात्रों को मिलेगा इंटरनेशनल स्कोप
कानपुर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को भी ग्लोबल स्कोप मिलेगा और वह भी दुनिया भर में चल रही तकनीकियों के बारे में, शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. जो उनके भविष्य के लिए बेहद कारगर साबित होगा. साथ ही, छात्रों के पास मौका होगा कि वह रूस जाकर वहां पर पढ़ाई और शोध कार्य कर सकें.
यह है एम ओ यू के प्रमुख प्रावधान
एम ओ यू के तहत दोनों विश्वविद्यालय संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम चलाएंगे, जिसमें दोनों विश्वविद्यालय के छात्र इन जॉइंट एजुकेशनल प्रोग्राम्स का फायदा उठा सकेंगे. इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एडवांस्ड एल्गोरिथम मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग पर भी कोर्स तैयार किए जाएंगे. दुनिया भर में साइबर सुरक्षा को लेकर विशेष कोर्स और वर्कशॉप आयोजित की जाएगी. स्टूडेंट और फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम चलाए जाएंगे, जिसके तहत रूस के स्टूडेंट कानपुर यूनिवर्सिटी जाकर पढ़ सकेंगे और कानपुर यूनिवर्सिटी के छात्र रूस जाकर पढ़ाई कर सकेंगे. इसके साथ ही फैकल्टी भी एक दूसरे के विश्वविद्यालय में जाकर ट्रेनिंग ले सकेंगे. रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा दिया जाएगा. कोलैबोरेटिव रिसर्च प्रोजेक्ट आयोजित किए जाएंगे, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मिलकर काम किया जाएगा.
छात्र-छात्राओं को मिलेगा फायदा
कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि कानपुर विश्वविद्यालय लगातार दुनिया भर के बड़े विश्वविद्यालय के साथ एम ओ यू कर रहा है. यह कानपुर विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि रूस की इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू साइन किया गया है. इस एमओयू के साइन होने से कानपुर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को काफी फायदा मिलेगा, उन्हें दुनिया में चल रही तकनीक के बारे में जानकारी होगी. वह नए स्टार्टअप तैयार कर सकेंगे और यह सिर्फ हमारे देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए भी यहां से नए प्रोजेक्ट और नई तकनीक विकसित किए जा सकेंगे. यह मुख्य रूप से तकनीकी क्षेत्र में नए इनोवेशन और रिसर्च करने के लिए किया जा रहा है, क्योंकि रूस के पास जो तकनीकी है और हमारे पास जो यूथ है और डाटा है, उसका इस्तेमाल एक साथ होकर नई रिसर्च और इनोवेशन किए जा सकेंगे जो दुनिया भर में काम आएंगे.
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FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 17:28 IST