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Saturday, September 14, 2024

मुझे फटकार लगाई गई, भाजपा से मिली नसीहत पर कंगना रनौत ने तोड़ी चप्पी; किसानों पर दिया था विवादित बयान

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लोकसभा सांसद और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने पार्टी से मिली नसीहत पर चुप्पी तोड़ी है। कंगना ने हाल ही में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। कंगना ने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बलात्कार तथा हत्याएं हो रही थीं। रनौत के बयान से असहमति जताते हुए भाजपा ने इससे किनारा कर लिया था।

इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा, “मुझे पार्टी नेतृत्व ने फटकार लगाई और मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। मुझे नहीं लगता कि मैं पार्टी की अंतिम आवाज हूं। मैं इतनी पागल या बेवकूफ नहीं हूं कि ऐसा मानूं।” रनौत ने कहा, “मुझे अभी लंबा सफर तय करना है। मेरा मानना ​​है कि अगर मैंने वाकई पार्टी के उद्देश्य और उसकी स्थिति या नीति को ठेस पहुंचाई है, तो मुझसे ज्यादा दुख किसी और को नहीं हो सकता।”

हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद रनौत ने हाल ही में अपने इंटरव्यू की एक क्लिप ‘एक्स’ पर पोस्ट की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो भारत में भी ‘‘बांग्लादेश जैसी स्थिति’’ पैदा हो सकती थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान ‘‘लाशें लटकी थी और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही थीं।’’ उन्होंने ‘‘षड्यंत्र’’ में चीन और अमेरिका के शामिल होने का आरोप लगाया।

हालांकि भाजपा के केंद्रीय मीडिया विभाग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, पार्टी ने मंडी की सांसद को हिदायत भी दी कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। भाजपा ने कहा, ‘‘सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है। भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।’’

भाजपा के रनौत की टिप्पणी से खुद को अलग कर लेने के बीच कांग्रेस ने सत्तारूढ़ पार्टी से कहा कि यदि वह वास्तव में रनौत के विचारों से असहमत है तो उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए। हरियाणा के साथ पंजाब के बड़ी संख्या में किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। हरियाणा में कुछ ही हफ्तों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा ने रनौत की टिप्पणी से असहमति जताकर राज्य में होने वाले किसी भी नुकसान से खुद को बचाने की कोशिश की है।

यह पहली बार नहीं है जब रनौत ने किसानों के बारे में भड़काऊ टिप्पणी की है। वह पहले भी अपनी कई टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिरती रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नवंबर 2021 में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा के बाद किसान आंदोलन खत्म हुआ था। पार्टी ने पहले भी रनौत को निजी तौर पर यह बताया है कि उन्हें अपने विचार व्यक्त करने में सावधानी बरतनी चाहिए।



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