शाश्वत सिंह/झांसी. दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कुछ दिनों पहले लगी आग ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस भीषण आग में कई नवजात शिशुओं की मौत हो गई. कुछ मां तो ऐसी थी जिनके प्रसव पीड़ा का दर्द भी अभी कम नहीं हुआ था की उन्हें अपने बच्चों की मौत की खबर मिल गई. इस घटना के बाद पूरे देश में अस्पतालों में मौजूद अग्नि सुरक्षा के इंतजामों पर सवाल उठने लगा. हमने झांसी के कुछ निजी अस्पतालों की स्थिति जानने का प्रयास किया.
झांसी में छोटे बड़े मिलाकर 200 से अधिक निजी अस्पताल और प्राइवेट नर्सिंग होम हैं. कई अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम देखने पर पता चला की कुछ जगहों पर प्रवेश और निकास के अलग-अलग इंतजाम नहीं हैं. वहीं, कुछ अस्पतालों में बेसमेंट में एक्स रे रूम और फिजियोथेरेपी के रूम भी बने हुए हैं. एक निजी अस्पताल में तो मरीजों को भर्ती करने के लिए वार्ड भी बेसमेंट में ही बनाए गए हैं. एक अन्य अस्पताल में बिजली के पैनल के नीचे ही गाड़ियों को खड़ा किया गया था. अस्पताल में मौजूद मिट्टी की बाल्टियों को थूकने के स्थान के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था.
सिर्फ 60 फीसदी के पास फायर एनओसी
निजी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम पर झांसी के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजकिशोर राय ने बताया कि झांसी में सिर्फ 60 फीसदी अस्पतालों को ही फायर एनओसी दी गई है. इसके अलावा जो भी अस्पताल बिना फायर सुरक्षा उपकरणों के चल रहे हैं उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है. फायर एनओसी के बिना किसी भी अस्पताल का संचालन मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करना है. इन सभी अस्पतालों पर जल्द कार्रवाई की जायेगी.
FIRST PUBLISHED : May 28, 2024, 20:32 IST