राज्यसभा में जब सभापति जगदीप धनखड़ ने जया बच्चन को ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहकर पुकारा तो एक बार फिर उन्होंने आपत्ति जताई और फिर तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। जया बच्चन ने तुरंत अपनी सीट से खड़ी होकर कहा, आपको अमिताभ का मतलब पता है? एक सप्ताह पहले इसी बात पर उनकी उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह से भी नोकझोंक हो गई थी। उन्हें जया अमिताभ बच्चन कहकर संबोधित करते पर उन्होंने आपत्ति जताई थी और कहा था, सर, सिर्फ जया बच्चन बोलते तो काफी हो जाता।
इसके बाद सिंह ने कहा था कि उनका नाम आधिकारिक रूप से ‘जया अमिताभ बच्चन’ ही दर्ज है। जया बच्च ने कहा था, ये कोई नया तरीका है कि महिलाएं अपने पति के नाम से जानी जाएं। उनका कोई अस्तित्व नहीं है। उनकी कोई उपलब्धि नहीं है। ये जो नया शुरू हुआ है..। सोमवार को कार्यवाही के दौरान जगदीप धनखड़ ने उनको इसी नाम से पुकारा तो जया बच्चन ने कहा, मुझे उम्मीद है कि अपको अमिताभ का मतलब पता होगा? मुझे अपने पति और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। लेकिन आप सब ने यह नया ड्रामा शुरू कर दिया है। ऐसा पहले कभी नहीं होता था। अमिताभ का मतलब होता है आभा, जो कभी मिट नहीं सकती।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि अगर वह चाहती हैं तो अपना नाम इलेक्शन सर्टिफिकेट में बदलवा भी सकती हैं। इसकी एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व है। जया जी, मैंने आपका वही नाम लिया है जो कि इलेक्शन सर्टिफिकेट पर है और यहां दर्ज है। धनखड़ ने कहा कि नाम बदलने की जो प्रक्रिया है उसका लाभ मैंने खुद उठाया था।
धनखड़ ने आगे कहा, मैं फ्रांस गया था और मैं जिस होटल में रुका उसके मैनेजर ने कहा कि यहां दुनियाभर के आईकॉन के फोटो लगे हैं। मैं जब देखने गया तो वहां अमिताभ बच्चन की तस्वीर लगी थी। पूरे देश को अमिताभ बच्चन पर गर्व है। इसके बाद जब सभापति धनखड़ ने मनोहर लाल खट्टर का नाम लिया तो जय बच्चन ने मुस्कुराते हुए कहा कि इनके नाम के आगे इनकी पत्नी का भी नाम लिया जाए। हालांकि दोनों की मुस्कुराहट के साथ ही यह बहस खत्म हो गई।