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Friday, September 20, 2024

फलों को नुकसान पहुंचाते हैं यह कीट, अपनाएं यह उपाय, जड़ से खत्म हो जाएगी समस्या

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 आदित्य कृष्ण /अमेठी: वर्तमान समय में किसान फलों की खेती की ओर ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं. लेकिन फलों की खेती को रोग से बचाना बड़ी समस्या होती है. रोग लगने से पूरी फसल खराब होने की संभावना रहती है. ऐसे में कुछ खास टिप्स अपनाकर किसान इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं. जिसको लेकर उद्यान विभाग किसानों को जागरूक कर रहा है.

इन रोगों की रहती है संभावना

मधुआ कीट– फलों के पौधों में यह कीट पत्तियों टहनियां और पुष्प गुच्छों से रस चूस कर हानि पहुंचाता है. इस कीट के प्रभाव से पत्तियां और पौधे सूख जाते हैं, जिससे फलों की सही पैदावार नहीं होती है. इसके साथ पेड़ सूखने से किसानों को नुकसान हो सकता है. इस रोग से बचाव के लिए किसानों को ब्लूबेरी बेसियाना फफूंद का 2 किलो प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही नीम और गोबर की खाद को एक साथ मिलकर खेतों में छिड़काव करने से इस रोग को जड़ से खत्म किया जा सकता है.

दहिया कीट– यह कीट फलों के रस को चूसता है. जिसके कारण फल प्रारंभिक अवस्था में ही सूख जाते हैं और फलों में कीटाणु लग जाते हैं. इस रोग को खत्म करने के लिए किसानों को गहरी जुताई करनी चाहिए इसके साथ ही नीम की गूंदी को मिलाकर 7 दिनों के अंतराल तक दो से तीन बार सिंचाई करनी चाहिए. जिससे दवाई पूरी तरीके से जड़ों में घुल जाएगी और रोग पूरी तरीके से खत्म हो जाएगा.

हीट वेव से बचाव– वर्तमान समय में गर्मी है, तो गर्मी के समय में हीटवेव का प्रकोप भी फलों, पौधों पर रहता है. इससे बचाव के लिए किसान ग्रीन नेट का इस्तेमाल कर सकते हैं. ग्रीन नेट पौधों के चारों तरफ लगाने से धूप का प्रकोप फलों और पौधों पर नहीं पड़ता है. जिससे फल और पौधे पूरी तरीके से सुरक्षित रहते हैं और किसानों को फायदा होता है.

ड्रिप सिंचाई विधि– इसके अलावा सामान्य सिंचाई के साथ-साथ ड्रिप विधि से सिंचाई करने से पौधों में हमेशा नमी बनी रहती है और ड्रिप के जरिए सिंचाई करने से चारों तरफ जल स्रोत आसानी से पहुंच जाता है. जिससे पौधे हरे भरे रहते हैं. इसके साथ ही नमी के कारण कोई भी रोग लगने की संभावनाएं नहीं रहती है.

किसानों को समय-समय पर जागरूक कर रहा उद्यान विभाग

वरिष्ठ सहायक उद्यान निरीक्षक प्रमोद कुमार यादव बताते हैं कि समय-समय पर किसानों को जागरूक किया जाता है और किसान अलग-अलग विधि से खेती कर रहे हैं. किसानों को बेहतर विधि बताकर उनकी पैदावार को बढ़ाने के लिए हम सब प्रयासरत हैं. किसी भी समस्या के लिए उद्यान विभाग के कार्यालय पर आकर कार्य दिवस के दौरान संपर्क किया जा सकता है.

Tags: Hindi news, Local18



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