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Saturday, July 27, 2024

हेमंत के साथ अन्याय हुआ, झारखंड की सभी लोकसभा सीटें जीतेंगे : CM चंपई सोरेन

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चंपई सोरेन (68) ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि यदि कल्पना सोरेन विधानसभा चुनाव लड़ती हैं और जीत जाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाने या नहीं बनाने का फैसला झामुमो लेगा.

गांडेय विधानसभा के लिए उपचुनाव राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ 20 मई को होगा. गिरिडीह जिले की यह सीट झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी और इस तरह की अटकलें हैं कि वहां से कल्पना को चुनाव लड़ाया जा सकता है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘झामुमो एक सप्ताह के अंदर इस बारे में फैसला करेगा कि क्या कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा सीट से खड़ा किया जाएगा. अगर वह चुनाव लड़ती हैं और जीतती हैं तो क्या उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, इस बारे में फैसला पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन समेत पार्टी के नेता लेंगे.”

कल्पना सोरेन की राजनीतिक यात्रा 4 मार्च को गिरिडीह जिले में आयोजित झामुमो के 51वें स्थापना दिवस समारोह से शुरू हुई, जब उन्होंने अपने भाषण में दावा किया था कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से विरोधियों द्वारा साजिश रची गई थी.

चंपई सोरेन ने दावा किया कि हेमंत सोरेन के साथ घोर नाइंसाफी हुई है जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था.

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की अगुवाई वाली ताकतें उन्हें जेल में डालने में सफल हो सकती हैं लेकिन झारखंड के आदिवासी भारतीय जनता पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा देंगे. हमें पूरा विश्वास है कि राज्य में सभी 14 लोकसभा सीटों पर हमें जीत मिलेगी.”

क्या झामुमो भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन के खिलाफ दुमका सीट से हेमंत सोरेन को मैदान में उतारेगी, इस पर चंपई सोरेन ने कहा कि पार्टी इस पर जल्द ही फैसला करेगी.

सीता सोरेन शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं और तीन बार झामुमो की विधायक रह चुकी हैं. चंपई सोरेन ने सीता के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उनकी अनदेखी की गई थी और पार्टी में अलग-थलग कर दिया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी ने उन्हें तीन बार विधायक बनाया.

सीता सोरेन ने झामुमो को झटका देते हुए पिछले महीने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि 2009 में उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद उन्हें और उनके परिवार को अलग-थलग कर दिया गया और उनकी अनदेखी की गई. चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद दो फरवरी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)



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