नई दिल्ली. सत्तर के दशक से अब तक पर्थ के मैदान पर रन बनाना कभी आसान नहीं रहा . दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाज के ज़ेहन में पर्थ की यादें हमेशा ताज़ा रहती है . पहले वाका और अब ऑप्टस स्टेडियम दोनों जगह ही तेज गेंदबाज़ों के लिए स्वर्ग मानी जाती रही है . इन मैदानों की पिचों पर उछाल और गर्मी में खुलती दरारें बल्लेबाज़ी के लिए बुरे सपने की तरह होती है ऐसे में यहाँ कोई बल्लेबाज़ शतक लगा दे तो उस पारी की अहमियत का अंदाज़ा आप लगा सकते है.
यशस्वी जायसवाल के पर्थ में लगाए गए शतक के मायने इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि उनसे पहले सिर्फ़ चार भारतीय बल्लेबाज़ पर्थ में शतक लगाने में कामयाब रहे. यशस्वी ने पर्थ में 161रन बनाए जो किसी भी भारतीय ओपनर के द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है. जायसवाल से पहले जिन जिन भारतीय बल्लेबाजों ने पर्थ में शतक लगाया उन्होंने आगें चल कर बहुत नाम किया और उनका नाम दुनिया के बड़े बल्लेबाजों में शुमार किया जाने लगा.
1977 में मोहिंदर अमरनाथ की मैजिक पारी
भारतीय टीम पहला टेस्ट हारकर पर्थ पहुंची थी जहां की पिच रफ़्तार और उछाल से आपका स्वागत करने वाली थी . ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज जेफ़ थांपसन और क्लॉर्क की जोड़ी भारतीय बल्लेबाज़ों का इम्तिहान लेने के बेताब थी . चुनौती भरी पिच पर नंबर तीन पर खेलते हुए मोहिंदर अमरनाथ ने पहली पारी में 90 और दूसरी पारी में शतक लगाया था. जिमी के नाम से मशहूर अमरनाथ बैकफुट के शानदार खिलाड़ी थे और अपने हुक और पुल शॉट्स के दमपर उस समय के सबसे तेज गेंदबाज ज्यॉफ थामसन की खासी पिटाई की थी . इस पारी के बाद मोहिंदर अमरनाथ पर ये टैग लग गया कि वो तेज गेंदबाजी के खिलाफ शानदार बल्लेबाज है.
सुनील गावस्कर की शतकीय पारी
1977 के पर्थ टेस्ट मैच जिसमें मोहंदर अमरनाथ ने शतक लगाया उसी मैच में सुनील गावस्कर ने भी बड़ी पारी खेली थी. पहली पारी में लिटिल मास्टर जल्दी आउट हो गए जिसकी भरपाई उन्होने दूसरी पारी नें की . 127 रनों की पारी के दौरान गावस्कर ने मोहिंदर अमरनाथ के साथ 193 रनों साझेदारी भी की. गावस्कर ने अपनी पारी के दौरान 245 गेंद खेली और 127 रन बनाए. एकस्पर्ट्स मानते है कि इस मैच में दोनों को उछाल भरी पिच पर बल्लेबाजी करते देखना एक अलग तरीके का रोमांच था.
सचिन की सेंचुरी
1992 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सचिन महज 19 साल के थे और जब टीम पर्थ पहुंची तो हर किसी के जेहन में सबसे बड़ा सवाल यहीं था कि वाका कि उछाल भरी पिच पर सचिन कैसे बल्लेबाजी करते है. सचिन जब बल्लेबाजी करने क्रीज पर उतरे तो भारतीय पारी संकट में थी . क्रेग मक्डरमॉट, मर्व ह्यूज और माइक व्हिटनी जैसे मजबूत और लंबे तेज गेंदबाजों का सामना करते हुए सचिन तेंदुलकर ने पर्थ में हर किसी को हैरान कर देने वाले कई स्ट्रोक लगाए. कट शॉट, पुल और स्ट्रेट ड्राइव का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए सचिन तेंदुलकर ने 114 रन बनाए जिसमें 16 चौके शामिल थे.
कोहली की विराट पारी
विराट ने 2018 में शतक लगाने से पहले 2012 में भी पर्थ के मैदान पर टेस्ट मैच खेला था और उनको अंदाजा लग चुका था कि पर्थ में रन बनाने के लिए क्या करना है और क्या नहीं. 2018 में विराट टीम के कप्तान थे और वो जानते ते कि उनका पर्थ में रन बनाना कितना जरूरी है. आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 326 रन बनाए थे, जवाब में टीम इंडिया एक छोर से विकेट गंवाए जा रही थी, लेकिन विराट ने एक छोर संभाला और 257 गेंदों पर 123 रनों की यादगार पारी खेली. वह विराट की 25वीं टेस्ट सेंचुरी भी थी. मिचेल स्टार्क, हेजलवुड कमिंस और लायन के खिलाफ विराट ने 257 गेंद खेली और 13 चौके लगाए.
जायसवाल का जलवा
पहली पारी में शून्य पर आउट होने वाले यशस्वी जयसवाल ने दूसरी पारी में 161 रनों की शानदार पारी खेली। इस दौरान उन्होंने 297 गेंदों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने 15 चौके और 3 छक्के लगाए. जिसके बाद वह मिचेल मार्श की गेंद पर स्टीव स्मिथ अपना कैच थमा बैठे.ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस शानदार पारी के साथ ही यशस्वी ने अपने नाम कई रिकॉर्ड कर लिए हैं. अपने पहले 15 टेस्ट में ही यशस्वी ने 1568 रन ठोक दिए हैं। इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर 214 का रहा है.
जायसवाल अब उस क्लब में शामिल हो चुके है जहां भारत के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के नाम है. इन सभी बल्लेबाजों ने पर्थ में शतक लगाने के बाद जिस ऊंचाई को छुआ कुछ वैसी ही आस यशस्वी से भी लगाई जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 13:43 IST