HMPV Cases in India: सोशल मीडिया पर चीन में फिर से एक वायरस को लेकर भारी उबाल है. कहा जा रहा है कि चीन में कोरोना जैसा ही वायरस से संक्रमित होकर लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है. इस वायरस का नाम HMPV है. यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV). इस वायरस के कारण चीन में हर जगह भीड़ और भारी अफरा-तफरी है. भारत में नए सिरे से दो मामले मिलने के बाद यहां भी चिंता बढ़ गई है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सांसों से संबंधित रूटीन चेकअप के दौरान कर्नाटक में एचएमपीवी के दो मामले पाए. ऐसे में सबको लग रहा है कि यह चीन वाला ही वायरस है. इस खबर में चाहे जितनी सच्चाई हो लेकिन इस मामले ने दुनिया को एक बार फिर दोराहे पर खड़ा कर दिया है. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि अगर भारत में एचएमपीवी के केसेज कोरोना की तरह बढ़ते हैं तो इस स्थिति से निपटने के लिए हम कितने तैयार है.
इसे कितनी गंभीरता से लेनी चाहिए
सी के बिड़ला अस्पताल में इंटरनल मेडिसीन के कंसल्टेंट डॉ. तुषार तायल कहते हैं कि चीन में क्या स्थिति है, इसकी सत्यता के बारे में हम कुछ नहीं कहेंगे लेकिन पहली बात तो यह कि यह वायरस नया नहीं है. 2001 में ही इस वायरस की पहचान हो चुकी है. हालांकि इस वायरस की मौजूदगी इससे पहले से है. एचएमपीवी वायरस सांसों से संबंधित है जो लंग्स में पहुंचकर नुकसान पहुंचाता है. सांसों से संबंधित हजारों वायरस इस संसार में मौजूद है. इनमें से अधिकांश वायरस जब शरीर में पहुंचता है तो यह अपने आप अपना जीवन चक्र खत्म कर मर जाता है. दूसरी ओर हमारी इम्यूनिटी भी इसे मार देती है. इन सबके बावजूद कुछ वायरस जरूर हमें नुकसान पहुंचाते हैं लेकिन अधिकांश वायरस ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते है और मामूली सर्दी-जुकाम देकर खत्म हो जाते हैं. इन सारे वायरस में फ्लू जैसे लक्षण ही दिखाई देते हैं. एचएमपीवी ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को संक्रमित करता है. अधिकांश लोगों में अपने आप ठीक हो जाता है. अगर दिक्कत होती है तो मामूली दवाइयों से इसे ठीक कर दिया जाता है. रेयर केस में ही मामला बिगड़ता है. हालांकि इस तरह की वायरल बीमारियों के लिए कोई दवा नहीं है. सिर्फ स्वाइन फ्लू में ही दवा आई है.
अगर कोरोना जैसी स्थिति आ जाए तो क्या होगा
अब जहां तक बात है कि क्या एचएमपीवी वायरस कोरोना वायरस जैसा उत्पाद मचा सकता है या अगर भारत में भी बहुत तेजी से कोरोना जैसी स्थिति आ जाए तो इसके लिए हम तैयार है. डॉ. तुषार तायल ने बताया कि निश्चित रूप से कोरोना के बाद हम संभल चुके हैं. हमारे पास इस बात का नॉलेज है कि इस तरह की बीमारियों से हमें किस तरह निपटना है. कोविड की वजह से हमें काफी सीख मिली है और हम इसे मैनेज करना सीख गए हैं. अगर इस तरह के मामले सामने आते हैं तो निश्चित रूप से हम इसे पहले से कई गुना बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे. हमारे पास अस्पतालों में ऐसी व्यवस्थाएं हैं कि हम इसे तेजी से कवर कर लें. दूसरी ओर एचएमपीवी के लक्षण उतने खतरनाक नहीं है. इसमें बहुत रेयर मामलों में में ही वेंटिलेटर की जरूरत होगी. जहां तक यह सवाल है कि क्या यह वायरस कोरोना जैसी स्थिति ला सकती है. इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. यह कोई नहीं बता सकता है कि एचएमपीवी कोरोना जैसी स्थिति भी ला सकती है लेकिन यह नया वायरस नहीं है और इस बात की आशंका बहुत कम है कि यह कोरोना जैसी महामारी का कारण बन सकता है.
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FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 15:12 IST