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Saturday, July 27, 2024

गर्मी में सुकून देने वाला AC बन सकता है जान का दुश्मन! इस मौसम में रहें बचकर

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राज्यभर में चारों गर्मी से हाहाकार मची हुई है. यहां बीच-बीच में बारिश भी हो रही है. फिर भी इस चिलचिलाती धूप और गर्मी से लोगों को राहत नहीं मिलता दिख रहा है. चाहे दिन हो या रात गर्मी का कहर जारी है. इस गर्मी में लोग राहत पाने के लिए AC का खूब इस्तेमाल करते हैं. बताते चलें कि AC का लगातार ज्यादा देर तक इस्तेमाल हमारे सेहत के लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है. वहीं, ज्यादा देर तक एसी में रहने के बाद अचानक धूप में निकलने से जान भी गंवानी पड़ सकती है. AC से अचानक धूप में निकलने पर सावधानियां बरतनी चाहिए.

सदर अस्पताल गुमला के उपाधीक्षक डॉ अनुपम किशोर ने लोकल 18 से कहा कि आजकल के आम जनजीवन में AC का प्रयोग काफी बढ़ गया है. आजकल ज्यादातर कार्यालयों में AC का प्रयोग होता है. इसके साथ ही लोग भी अपने चैंबर,कमरे,कार्यालयों आदि जगहों में भी Ac का प्रयोग करते हैं. प्रायः ऐसा देखा गया है कि AC का जो टेंपरेचर है. उसमें ज्यादा देर तक लगातार रहने के बाद जब उस जगह से अचानक धूप में बाहर निकलते हैं,तो बाहर और अंदर के टेंपरेचर में डिफरेंस रहता है.जिससे हमारा बॉडी तुरंत एडजस्ट नहीं कर पाता है.जो हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

AC का टेंपरेचर रखे 25 से 26
सरकार द्वारा भी गाइडलाइन जारी किया गया है कि AC का जो टेंपरेचर है. उसे 25 से 26 के टेंपरेचर में फिक्स कर के रखें.ताकि इतने टेंपरेचर में रहने के बाद अचानक कभी बाहर भी निकलते हैं तो उतना ज्यादा साइड इफेक्ट नहीं पड़ेगा. लेकिन अमूमन ऐसा देखा जाता है कि लोग 16, 17, 18, 19 टेंपरेचर में AC चलाते हैं. गर्मी के दिनों में टेंपरेचर का वेरिएशन अगर बॉडी पर होता है तो उसका बहुत सारा दुष्प्रभाव पड़ता है. जो लोगों के सेहत के लिए सही नहीं होता है.

 ब्रेन का नस फट सकता
इतने कम टेंपरेचर में आप जब जरूरत पड़ने पर बाहर निकलोगे तो कमरे के बाहर और अंदर के तापमान में अंतर होता है. उससे सर दर्द, चक्कर,सर्दी खांसी,बुखार उल्टी आदि सब हो सकता है. इसके साथ ही अचानक टेंपरेचर घटने बढ़ने से जिन लोगों का ब्रेन कमजोर है, उनका नस भी फट सकता है. कोई अगर ऑलरेडी हाइपरटेंशन के मरीज हैं तो उनका बीपी बढ़ सकता है व ब्रेन का नस फट सकता है,ब्रेन का नस फट जाने से आदमी बेहोश,लकवा आदि का भी शिकार हो सकता है. सभी के साथ ऐसा नहीं होता है, लेकिन, जिन्हें बीपी का प्रॉब्लम है,जो कमजोर हैं. वृद्ध हैं, जिसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है. उनके साथ ऐसा हो सकता है. इसलिए सावधानी बरतें.

कम से कम AC का प्रयोग करें
जिसे AC में रहने का आदत हो गया है. वे टेंपरेचर को 24 से 26 के रेंज में फिक्स करके रखें. उससे कम टेंपरेचर में एसी चलाने से बचना चाहिए.मेरे विचार से जहां तक हो सके AC का कम से कम प्रयोग करें. यदि चैंबर,ऑफिस आदि में लगे हैं. AC में रहने की आदत हो गई है, तो इन सब बातों का ख्याल रखें. सावधानी बरतें.जिससे आप इसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं. टेंपरेचर 24 से 26 में फिक्स करके रखें, बाहर निकलने से पहले एसी थोड़ा देर बंद कर दें. ताकि आप जब बाहर निकलें तो आपका शरीर बाहर के तापमान से एडजस्ट कर सकें. इसके साथ ही बाहर निकलने से पहले भर पेट पानी पीएं,साथ ही गमछा/टोपी का प्रयोग करें. इन सब चीजों का ध्यान रख के AC के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं.

Tags: Gumla news, Health News, Hindi news, Jharkhand news, Latest hindi news, Local18



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