Inflammation And Depression Link: डिप्रेशन की सबसे बड़ी वजहों में तनाव और एंजायटी को शुमार किया जाता है. जब भी कोई व्यक्ति डिप्रेशन की कंडीशन में पहुंचता है, तब वह गहरे तनाव और चिंता से जूझ रहा होता है. यह बात अधिकतर लोग जानते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने डिप्रेशन और इंफ्लेमेशन के बीच गहरे संबंध का खुलासा किया है. इस कनेक्शन को जानने के लिए लोगों का डिप्रेशन को समझने का नजरिया बदल सकता है. यह स्टडी इजरायल की हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरूसलम के न्यूरोसाइंटिस्ट प्रोफेसर रज यिर्मिया की टीम ने की है. इसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.
इस रिसर्च में पता चला है कि माइक्रोग्लिया कोशिकाएं और इंटरल्यूकिन-1 तनाव से पैदा हुए डिप्रेशन में अहम भूमिका निभाते हैं. इससे यह सवाल उठता है कि क्या इंफ्लेमेशन की प्रक्रिया को समझकर डिप्रेशन के इलाज को बेहतर बनाया जा सकता है? प्रोफेसर यिर्मिया ने ब्रेन मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित एक इंटरव्यू में बताया कि ज्यादातर डिप्रेस्ड मरीजों को कोई स्पष्ट इंफ्लेमेशन से जुड़ी बीमारी नहीं होती है. हालांकि वैज्ञानिकों ने पाया है कि तनाव डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है और तनाव की वजह से दिमाग में इंफ्लेमेशन की प्रक्रियाएं सक्रिय हो सकती हैं. इससे डिप्रेशन पैदा हो सकता है.
रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने नई टेक्नोलॉजी और स्टडी के जरिए यह समझने की कोशिश की कि इम्यून सिस्टम मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है. इसमें पता चला कि ब्रेन की इंफ्लेमेशन को कंट्रोल करने के आधार पर पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट प्लान बनाया जा सकता है, जिससे लोगों को डिप्रेशन से काफी हद तक राहत मिल सकती है. वैज्ञानिकों को ऐसे नए एंटीडिप्रेसेंट विकसित करने चाहिए, जो ब्रेन की इंफ्लेमेशन प्रक्रियाओं को टारगेट करें. इम्यून सिस्टम को सक्रिय या दबाने से डिप्रेशन के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं. इसलिए लोगों को स्पेसिफिक ट्रीटमेंट की जरूरत है.
FIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 15:14 IST