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Monday, July 8, 2024

कैंसर और डायबिटीज ही नहीं…प्रजनन क्षमता पर असर डाल रहा ये खाने वाला तेल! एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

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सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : पिछले कुछ समय में रिफाइंड तेल का चलन बड़ी तेजी के साथ बढ़ा है. जिसके चलते बाजार में इसकी डिमांड काफी होने लगी है. रिफाइंड तेल को प्राकृतिक तेलों से रासायनिक तरीके से फिल्टर करने के बाद तैयार किया जाता है. यह तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. शोध में पाया भी गया है कि रिफाइंड तेल का नियमित इस्तेमाल करने से कई बीमारियां हो सकती हैं. जबकि सरसों का तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद ही लाभदायक होता है. इसके अलावा मूंगफली, तिल, सूरजमुखी और नारियल के तेल को भी हम अपने खान-पान में शामिल कर सकते हैं.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर की गृह विज्ञान की एक्सपर्ट डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि रिफाइंड तेल जिसको कई वनस्पति तेलों से रासायनिक तरीके से रिफाइंड कर तैयार किया जाता है. रिफाइंड तेलों का इस्तेमाल करने से कई तरीके की बीमारियां भी लोगों को चपेट में ले रहे हैं. लोग मोटापा, डायबिटीज, एथेरोस्केलेसिस, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल जैसी गंभीर समस्याओं के साथ-साथ प्रजनन क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करता है. इस तरह के तेलों का इस्तेमाल बहुत कम या फिर बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

कई बीमारियों को जन्म देता है रिफाइंड ऑयल
डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि रिफाइंड तेल में ट्रांस फैट अधिक होने की वजह से यह हृदय रोग और कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. इससे वजन तेजी के साथ बढ़ता है और डायबिटीज जैसी तमाम समस्याएं पैदा होती है. दरअसल रिफाइंड तेल बनाने की प्रक्रिया के दौरान निकेल रिलीज होती है. जो हमारे शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है. जिसकी वजह से लिवर, त्वचा और श्वसन प्रणाली पर बुरा असर पड़ सकता है.

सरसों के तेल की खासियत
डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि सरसों का तेल प्राचीन काल से खाने में इस्तेमाल होता रहा है. क्योंकि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है. सरसों के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं. यह त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए बेहद ही अच्छा होता है. सरसों के तेल में असंतृप्त वसा होता है जो ट्राइग्लिसराइड स्तर को कम करके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है.

गठिया में राहत देता है सरसों का तेल
डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि सरसों का तेल हृदय रोगों में भी लाभदायक है. सरसों के तेल में कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं. इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और सूजन को कम करने में मदद करता है. यह गठिया के लक्षणों में भी राहत दिलाता है. रिफाइंड तेल की तुलना में सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक है.

इन तेलों का करें इस्तेमाल
डॉ. विद्या गुप्ता ने बताया कि सरसों के तेल के साथ-साथ अन्य प्राकृतिक तेलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जिसमें मूंगफली का तेल, तिल का तेल, सूरजमुखी का तेल और नारियल के तेल को भी खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं. यह प्राकृतिक तेल भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होते हैं.

Tags: Health News, Life18, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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