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Friday, January 10, 2025

आयुर्वेद के ये 5 घरेलू नुस्ख़े… दूर कर देंगे बच्चे के आंखों से मोटा चश्मा! आज ही करें ट्राई

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देहरादून : आधुनिकता के दौर में तकनीक जहां एक तरफ वरदान साबित हुई है. वहीं दूसरी ओर, ये कुछ मामलों में अभिशाप साबित हो रही है. रोजमर्रा की जिंदगी में हम तकनीक से जुड़े उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं जैसे- टीवी, मोबाइल, कम्प्यूटर इत्यादि. लेकिन क्या आप जानते हैं ये उपकरण आपके शरीर पर भी प्रभाव डालते हैं. यही नहीं आपकी आंखों को दिन-प्रतिदिन कमजोर कर रहा है. आलम ये है कि वर्तमान समय में इन उपकरणों के इस्तेमाल से छोटे-छोटे बच्चों के आंखों पर भी मोटे-मोटे लैंस के चश्में लग गए हैं. ऐसे में माता-पिता का चिंतित होना लाज़मी है. आइए आयुर्वेद में बताए गए कुछ घेरलू नुस्खों पर एक नज़र डालते हैं, जो आपकी और आपके परिवार की आंखों को तेज़ बनाए रखेगा.

लोकल18 ने जाने-माने आयुर्वेदिक वैद्य दीपक कुमार से आंखों के लिए आयुर्वेद में लिखे घरेलू नुस्खों पर चर्चा की. उन्होंने कुछ तरीकों को साझा किया, जो निम्नलिखित हैं.

बादाम, मिश्री, सौंफ और सफेद मिर्च का सेवन
बादाम, मिश्री, सौंफ और सफेद मिर्ची आपकी आंखों के लिए फायदेमंद हैं. इन सभी को दूध में मिलाकर पीने से आपकी आंखों की ज्योति तेज़ होती है. नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर आपको कभी आंखों से जुड़ी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा.

सुबह की लार का उपयोग
जब हम सुबह उठते हैं तो मुंह में लार बनी होती है. ये लार प्राकृतिक दृष्टि से हमारे शरीर के लिए लाभप्रद होती है. इसके चमत्कारी गुणों के कारण इसे घावों का रामबाण भी कहा जाता है. अगर आप इस लार का इस्तेमाल आंखों में करते हैं तो आपको कभी भी चश्मा लगने की नौबत ही नहीं आएगी.

आंवले का सेवन
आंवला, विटामिन-सी का स्त्रोत है, जिसमें यह प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. जो लोग आंवले का सेवन नियमित रूप से करते हैं तो उन्हें कभी भी आंखों से जुड़ी समस्याएं नहीं झेलनी पड़ती है.

सप्तामृह लौह का सेवन
सप्तामृह लौह एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो मुख्य रूप से लौह भस्म और अन्य औषधीय जड़ी-बूटियों के संयोजन से तैयार की जाती है. इसके इस्तेमाल से आपकी आंखे बेहद फायदेमंद होता है. अगर आपके बच्चों की आंखों पर चश्मा लग गया हो तो नियमित रुप से इसके सेवन से जल्द ही चश्मा उतर जाएगा या फिर नंबर नहीं बढ़ेगा.

आंवला रसायन और गुलाब जल का उपयोग
आंवला रसायन बनाने की एक विशेष विधि है. आंवला के चूर्ण में 21 बार आंवला का रस डाला जाता है, जिसके बाद ये आंवला रसायन तैयार होता है. इसको खाने से आंखों की हर समस्या दूर होती है. इसके अलावा गुलाब जल अपने आप में एक प्राकृतिक औषधि है. इसके इस्तेमाल से भी आप अपनी आंखों को कमज़ोर होने से बचा सकते हैं.अगर अपनी या अपने बच्चों की आंखों के बारे में चिंतित हैं, तो आप इन आयुर्वेद में बताए गए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये उपाय न केवल दृष्टि को तेज करते हैं, बल्कि आंखों की समस्याओं को जड़ से खत्म करने में भी मददगार हैं.

Tags: Dehradun news, Health News, Life18, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.



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