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Wednesday, November 6, 2024

कहीं माउथवॉश और टंग क्लीनर से बिगड़ तो नहीं रही ओरल हाइजीन? क्यों हर किसी को नहीं करना चाहिए इनका इस्तेमाल?

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चेहरे पर खूबसूरत मुस्कान हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करती है. खिलखिलाता चेहरा पर्सनैलिटी को सबसे अलग बनाता है. मुस्कान तभी सुंदर लगती है जब दांत मोती जैसे सफेद हो, साफ हो और मुंह से बदबू नहीं आ रही हो. ओरल हाइजीन ना केवल मुंह की बल्कि शरीर की सेहत को भी दुरुस्त रखती है. कुछ लोग इसके लिए दिन में 2 बार ब्रश करने के अलावा माउथ वॉश और टंग क्लीनर का भी इस्तेमाल करते हैं. लेकिन कभी-कभी यह चीजें ओरल हाइजीन को बिगाड़ भी सकती हैं. इनका सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है.    

माउथवॉश मुंह के अच्छे बैक्टीरिया करता खत्म!
दिल्ली के पब्लिक डेंटल क्लीनिक में डेंटिस्ट डॉ. रविंद्र कहते हैं कि मुंह में ओरल फ्लोरा होता है जिससे अच्छे और खराब बैक्टीरिया के बीच बैलेंस बना होता है. माउथवॉश एक एंटीसेप्टिक लिक्विड होता है जो मुंह के खराब बैक्टीरिया के साथ ही अच्छे बैक्टीरिया को भी प्रभावित करता है. माउथवॉश दांतों और जीभ पर रहने वाले बैक्टीरिया पर असर करता है लेकिन इसका इस्तेमाल हर किसी को नहीं करना चाहिए.

ओरल हाइजीन अच्छी नहीं तभी करें इस्तेमाल
डॉ. रविंद्र कहते हैं कि जिन लोगों की ब्रश करने के बाद भी ओरल हाइजीन अच्छी नहीं होती, उन्हीं लोगों को माउथवॉश इस्तेमाल करने के लिए कहा जाता है. इसे डॉक्टर की सलाह पर ही यूज करें. ओरल हाइजीन को देखते हुए इसकी सही मात्रा भी बताई जाती है. माउथवॉश को ब्रश करने के बाद करना चाहिए. 

माउथवॉश को दिन में 2 बार से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए (Image-Canva)

दांतों पर पड़ सकते हैं दाग
अगर लंबे समय तक माउथवॉश का इस्तेमाल किया जाए तो इससे दांतों पर दाग पड़ने लगते हैं. इसका इस्तेमाल बीच-बीच में 1 हफ्ते के लिए रोक देना चाहिए. कुछ लोग दिन में हर बार खाना खाने के बाद माउथवॉश से कुल्ला कर लेते हैं जबकि अमेरिकन डेंटल असोसिएशन के अनुसार माउथवॉश दिन में 2 बार ब्रश करने के बाद ही यूज करना चाहिए. इसके अलावा 6 साल के छोटे बच्चों को इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें अल्कोहल और फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होती है. 

क्या माउथवॉश से हो सकता है कैंसर?
अमेरिका में हुई एक स्टडी में कहा गया कि माउथवॉश मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है. माउथवॉश में अल्कोहल होने की वजह से मुंह की म्यूकस मेम्ब्रेन सूखने लगती है जिससे इरिटेशन बढ़ती है और कैंसर का कारण बनने वाले कार्सिनोजन (Carcinogen) पनपने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं जनरल ऑफ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी ने एक नामी कंपनी के कूल मिंट माउथवॉश पर स्टडी की और चेतावनी जारी की कि इसके इसके इस्तेमाल से ओरल बीमारियां होने और ओरल कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. वहीं इसका हाई ब्लड प्रेशर से भी कनेक्शन निकलता.  

टंग क्लीनर से इंफेक्शन
ब्रश करने के बाद अक्सर लोग टंग क्लीनर भी इस्तेमाल करते हैं.  डॉ. रविंद्र कहते हैं कि इसे इस्तेमाल करने के बाद अच्छे से साफ करना चाहिए क्योंकि इस पर बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं और अगर घर में इसका गलती से कोई दूसरा सदस्य इस्तेमाल कर लें तो इससे बैक्टीरियल इंफेक्शन फैल सकता है. टंग क्लीनर से Bacteremia नाम की बीमारी हो सकती है. अगर ज्यादा प्रेशर से जीभ साफ की जाए तो अल्सर हो सकता है. तेज प्रेशर से जीभ में छोटी खून की नलियां टूट जाती हैं जिससे उनमें बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं. टंग क्लीनर को हमेशा हल्के हाथों से इस्तेमाल करें. 

हर 2 से 3 महीने में टंग क्लीनर बदल देना चाहिए (Image-Canva)

प्लास्टिक या स्टील के टंग क्लीनर से बचें
प्लास्टिक के टंग क्लीनर से शरीर में माइक्रोप्लास्टिक जाता है और अगर यह गलती से टूटा हुआ हो तो जीभ से खून आ सकता है. वहीं स्टील का टंग क्लीनर भी ठीक नहीं है. इस पर बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं. इसे अच्छे से साफ करना चाहिए. हमेशा कॉपर का टंग क्लीनर का इस्तेमाल करना चाहिए. इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं. कॉपर के टंग क्लीनर से जहां जीभ साफ रहती है, वहीं भूख बढ़ती है और डाइजेशन भी ठीक रहता है.   

टेस्ट नहीं पता चलता
मेडिसिन नेट पर छपी रिपोर्ट के अनुसार अगर टंग क्लीनर को ज्यादा प्रेशर से इस्तेमाल किया जाए तो इससे जीभ की टेस्ट बड्स डैमेज हो जाती हैं. इससे खाने का स्वाद नहीं पता चलता. अगर जीभ पर कट हो या खून आ जाए तो टंग क्लीनर इस्तेमाल ना करें. इसे हमेशा मुंह के अंदर के हिस्से की जीभ से हल्के से बाहर की तरफ लाएं और इसके बाद जीभ के नीचे की तरफ से बाहर लाएं. यह स्टेप 2 बार से ज्यादा ना दोहराएं. हर इस्तेमाल के बाद टंग क्लीनर को साबुन और पानी से धोकर सुखाएं.  

खराब ओरल हाइजीन से दिल की बीमारी?
ओरल हाइजीन का दिल की सेहत से सीधा कनेक्शन है. मुंह में स्ट्रेप्टोकॉकस नाम का बैक्टीरिया होता है. अगर रोजाना मुंह को अच्छे से साफ ना किया जाए तो यह बैक्टीरिया दिल के वाल्व पर प्रेशर डालता है. आर्टरी में खून थक्के जमने लगते हैं. इससे हार्ट अटैक होने या स्ट्रोक होने का खतरा रहता है. अमेरिकन हार्ट असोसिएशन के साइंटिफिक सेशन की स्टडी में पाया गया कि जो लोग दिन में 2 बार से कम और 2 मिनट से कम ब्रश करते हैं, उनमें हार्ट फेल होने की आशंका रहती है. अच्छी ओरल हाइजीन के लिए दिन में 2 बार अच्छे से ब्रश करना ही काफी होता है. 

Tags: Global health, Health, Heart attack, United States of America



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