What Causes Low Cholesterol: हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नॉर्मल होनी चाहिए. जब कोलेस्ट्रॉल सामान्य से ज्यादा हो जाता है, तब हार्ट अटैक समेत कई गंभीर परेशानियों का खतरा बढ़ता है. हालांकि कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल से काफी कम हो जाए, तब भी यह खतरनाक हो सकता है. आज के दौर में हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और यह प्रॉब्लम कॉमन हो गई है. आमतौर पर लो कोलेस्ट्रॉल के मामले रेयर होते हैं, लेकिन कई कंडीशन में कोलेस्ट्रॉल सामान्य से भी कम हो सकता है. अगर आपने अब तक लो कोलेस्ट्रॉल के बारे में नहीं सुना है, तो कुछ जरूरी बातें जान लीजिए.
वेबएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक जब किसी व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा सामान्य से कम हो जाए, तब इसे हाइपोलिपिडेमिया कहा जाता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल कम रेयर मामलों में होता है, लेकिन अगर इसका लेवल बेहद कम हो जाए, तो एंजाइटी, डिप्रेशन, ब्रेन ब्लीडिंग और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. लो कोलेस्ट्रॉल की समस्या प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक होती है, क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी असर पड़ता है. अगर प्रेग्नेंसी के दौरान कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाए, तो इससे प्रीमेच्योर डिलीवरी और लो बर्थ वेट का सामना करना पड़ सकता है.
कब हाइपोलिपिडेमिया की कंडीशन हो जाती है पैदा?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हमारे शरीर में टोटल कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200mg/dL से कम होना चाहिए. ब्लड में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 150mg/dL हो, तो यह आइडियल माना जाता है. शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) 100 mg/dL से कम होना चाहिए और गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) 50mg/dL से ज्यादा होना चाहिए. हालांकि जब खून में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 120 mg/dL से कम हो जाए और बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल 50 mg/dL से नीचे पहुंच जाए, तब इस कंडीशन को हाइपोलिपिडेमिया या हाइपकोलेस्ट्रोलीमिया कहा जाता है. इस कंडीशन में तुरंत ट्रीटमेंट की जरूरत होती है.
किन वजहों से कम हो सकता है कोलेस्ट्रॉल लेवल?
रेयर डिसऑर्डर और फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों को हाइपोलिपिडेमिया का खतरा ज्यादा होता है. कुपोषण, एनीमिया और बॉडी में फैट अब्जॉर्ब न होने पर भी ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा जरूरत से कम हो सकती है. थायराइड प्रॉब्ल्म और लिवर डिजीज की वजह से भी कोलेस्ट्रॉल का स्तर असामान्य तरीके से गिर सकता है. हेपेटाइटिस C इंफेक्शन और गंभीर बीमारी या चोट लगने पर भी हाइपोलिपिडेमिया की नौबत आ सकती है. अगर सही समय पर ट्रीटमेंट कराया जाए, तो इस समस्या से आसानी से निजात पाई जा सकती है.
यह भी पढ़ें- इन 5 वजहों से शरीर में पैदा हो सकता है इंसुलिन रजिस्टेंस, डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण, ऐसे करें बचाव
Tags: Health, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 11:25 IST