Emergency Contraceptive Pills News: कई दिनों से चर्चाएं चल रही थीं कि बाजार में मिलने वाली इमरजेंसी गर्भनिरोधिक गोलियों को खरीदने के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन का नियम लागू हो सकता है, लेकिन सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने ऐसी रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है. CDSCO ने बयान जारी किया है कि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स जैसे- i-Pill या Unwanted-72 को खरीदने के लिए डॉक्टर का पर्चा जरूरी नहीं है. लोग जरूरत के अनुसार इन दवाओं को ओवर द काउंटर खरीद सकते हैं. हालांकि कुछ दवाओं पर पहले की तरह डॉक्टर के पर्चे वाला नियम लागू रहेगा और लोग अपनी मर्जी से इन दवाओं को नहीं खरीद सकते हैं. गर्भनिरोधक दवाओं को लेकर ड्रग्स अथॉरिटी ने नियमों में फिलहाल किसी तरह का बदलाव नहीं किया है.
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के अनुसार वर्तमान में गर्भनिरोधक दवाएं जैसे- सेंटक्रोमन और एथिनाइल एस्ट्राडियोल को केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही बेचा जा सकता है और ये दवाएं ड्रग्स रूल्स के H शेड्यूल में आती हैं. इसके अलावा DL-Norgestrel 0.30 mg + Ethinyloestradiol-0.30 mg, Levonorgestrel-0.15 mg + Ethinyloestradiol-0.03 mg, Centchroman-30 mg, Desogestrel-0.15 mg + Ethinyloestradiol-0.03 mg और Levonorgestrel-0.10 + Ethinylestradiol-0.02 mg दवाएं ड्रग्स नियमों की अनुसूची K के अंतर्गत आती हैं. इसका मतलब है कि इन दवाओं को खरीदने के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं है. लोग इन्हें अपनी जरूरत के अनुसार खरीदकर इस्तेमाल कर सकते हैं.
क्या होती हैं इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोलियां?
नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सुरप्रीत कौर संधू ने News18 को बताया कि फैमिली प्लानिंग और अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए जिन गोलियों का इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स यानी गर्भनिरोधक गोलियां कहा जाता है. प्रेग्नेंसी रोकने के लिए गोलियां खाने वाले तरीके हॉर्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव भी कहा जाता है. अगर यौन संबंध बनाते वक्त कंडोम फट जाए या असुरक्षित तरीके से यौन संबंध बनाए जाएं, तो उसके बाद प्रेग्नेंसी रोकने के लिए 24 घंटे के अंदर इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ली जाती हैं. ये पिल्स ओवर द काउंटर मिल जाती हैं और इन्हें मॉर्निंग आफ्टर पिल्स भी कहा जाता है. इन दवाओं को इस्तेमाल करने का तरीका दवा के रैपर पर लिखा होता है. कभी-कभी इमरजेंसी कंडीशन में इन पिल्स का इस्तेमाल करना ठीक है, लेकिन इन्हें बार-बार नहीं लेना चाहिए.
बार-बार इमरजेंसी पिल्स लेने के नुकसान
डॉक्टर ने बताया कि इमरजेंसी पिल्स में हाई डोज हॉर्मोन्स होते हैं और बार-बार ये गोलियां खाने से महिलाओं के शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ सकता है. इससे पीरियड्स इररेगुलर हो सकते हैं और रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं. इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेने के बाद अगर किसी तरह की दिक्कत हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करना चाहिए. महिलाओं को अनचाही प्रेग्नेंसी रोकने के लिए डॉक्टर की सलाह लेकर रेगुलर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स लेनी चाहिए. रेगुलर पिल्स का 21 दिन का पत्ता होता है और रोज एक गोली लेनी होती है. इसके बाद 7 दिनों का गैप देकर फिर ये गोलियां ले सकते हैं. इन पिल्स को डॉक्टर की सलाह लेकर लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
कितने तरह का होता है कॉन्ट्रासेप्शन?
डॉ. सुरप्रीत कौर की मानें तो मुख्यतौर पर कॉन्ट्रासेप्शन 4 तरीके का होता है. पहला बैरियर कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड है, जिसमें प्रेग्नेंसी अवॉइड करने के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जाता है. आजकल मेल और फीमेल दोनों तरह के कंडोम उपलब्ध हैं. दूसरा तरीका मेडिसिनल कॉन्ट्रासेप्शन होता है, जिसे हॉर्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव भी कहा जाता है. इसमें कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल किया जाता है. तीसरा मेथड इंट्रायूटरिन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस होता है, जिसमें यूटेरस के अंदर कुछ प्रोडक्ट लगाए जाते हैं, जिससे प्रेग्नेंसी से बचा जा सकता है. चौथा मेथड सर्जिकल कॉन्ट्रासेप्शन होता है, जिसमें सर्जरी के जरिए नसबंदी कर दी जाती है. इन सभी में सबसे सुरक्षित तरीका बैरियर कॉन्ट्रासेप्शन यानी कंडोम का इस्तेमाल है.
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FIRST PUBLISHED : October 12, 2024, 11:08 IST