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Wednesday, January 8, 2025

दिल्‍ली में बिना बुखार के हो रहा वायरल! इन्हेलर भी बेअसर, सैकड़ों की संख्‍या में अस्‍पताल पहुंच रहे मरीज

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बिना बुखार के वायरल संक्रमण, आज से पहले कभी आपने सुना है? नहीं न, लेकिन अब ये बीमारी दिल्‍ली-एनसीआर में पैर पसार चुकी है. इस बीमारी से जूझ रहे सैकड़ों मरीज रोजाना अस्‍पतालों की ओपीडी में पहुंच रहे हैं. स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों की मानें तो ऐसी स्थिति में मरीजों को दिया जा रहा इन्‍हेलर और नेबुलाइजर भी बेअसर हो रहा है. वहीं ऐसे दर्जनों मरीज आ रहे हैं जो खांसी की कई सिरप पी-पीकर खाली कर चुके हैं या एंटीबायोटिक्‍स के कई-कई कोर्स पूरे कर चुके हैं लेकिन उन्‍हें आराम नहीं मिल रहा.

वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन ग्‍लोबल एयर पॉल्‍यूशन एंड ग्‍लोबल हेल्‍थ के सदस्‍य और पीएसआरआई अस्‍पताल नई दिल्‍ली के पल्‍मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्‍लीप मेड‍िसिन चेयरमैन डॉ. गोपीचंद खिलनानी बताते हैं, ‘अक्‍टूबर में अभी मेरे पास ऐसे मरीज आना शुरू हुए हैं, जो पहले एकदम ठीक थे और इन्‍हें अचानक खांसी आने के साथ ही थकान, नाक बहना, गले में दर्द, छाती में दवाब, सांस लेने में कठिनाई और घरघराहट जैसी दिक्‍कतें होने लगीं. मरीजों ने बताया कि उन्‍हें न तो बुखार है और बलगम भी ज्‍यादा नहीं है लेकिन न तो वे लेट पा रहे हैं और न ही बैठ पा रहे हैं.’

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लंग्‍स की नलियों में आ रही सूजन
डॉ. खिलनानी ने कहा कि इन सभी मरीजों को वायरल संक्रमण के लक्षण थे लेकिन बुखार नहीं था. उन्‍होंने स्‍टेथोस्‍कोप से परीक्षण किया तो निमोनिया जैसा भी कुछ नहीं दिखा. यहां तक कि एक्‍सरे और स्‍पाइरोमेट्री भी ठीक आए. हालांकि जब इनका फीनो कराया गया तो उसमें इन्‍फ्लेमेशन ज्‍यादा मिली और फेफड़ों की नलियों में सूजन सभी की कॉमन प्रॉब्‍लम थी.
इनमें कई मरीज तो ऐसे हैं जो काफी पहले से अपने आप दवाएं ले चुके हैं लेकिन जब परेशानी बढ़ी तो फिर डॉक्‍टर के पास आए.

ये है वजह
डॉ. खिलनानी ने बताया कि बिना फीवर के वायरल जैसे लक्षणों वाले संक्रमण की ये समस्‍या दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से हो रही है. एनसीआर में एयर क्‍वालिटी खराब या बहुत खराब केटेगरी में जाते ही इसका असर ये हुआ है कि लोग बड़ी संख्‍या में बीमार पड़ रहे हैं. वहीं जिन्‍हें पहले से अस्‍थमा, ब्रॉन्‍काइटिस या फेफड़ों संबंधी कोई बीमारी है, उनकी हालत ज्‍यादा खराब हो रही है.

बेअसर हो रहीं दवाएं
इन मरीजों पर न केवल इन्‍हेलर और नेबुलाइजर बेअसर हो रहे हैं, बल्कि जो मरीज पहले से अस्‍थमा, सांस की बीमारी, सीओपीडी याा अन्‍य बीमारियों की दवाएं खा रहे हैं, वे दवाएं भी असर नहीं कर रही हैं और ऐसे मरीजों की दवाएं बदलनी पड़ रही हैं. इन्‍हेलर और नेबुलाइजर लेने की संख्‍या भी बढ़ानी पड़ रही है.

मरीज न करें ये गलतियां
डॉ. गोपीचंद ने कहा कि सबसे पहले लोग प्रदूषित हवा से खुद को बचाएं, कम से कम बाहर निकलें. इसके अलावा जिन्‍हें भी प्रदूषण की वजह से ये दिक्‍कतें हो रही हैं वे सेल्‍फ मेडिकेट करने की गलती न करें. वे खुद से दवा न लें, डॉक्‍टर की सलाह से दवा लें. इस बीमारी में भूलकर भी एंटीबायोटिक्‍स न लें, इस समय एंटीबायोटिक्‍स बेअसर हैं और कोई फायदा नहीं कर रही हैं.

बचाव के कुछ तरीके..
. इन दिनों भीड़भाड़, बिजी मार्केट में न जाएं.
. ट्रैवलिंग कम से कम करें.
. वॉक पर जा रहे हैं तो अर्ली मॉर्निंग में न जाएं, क्‍योंकि उस समय स्‍मॉग से पॉल्‍यूशन जमीन पर रहता है.
. जब तक धूप न आए तब तक न जाएं.
. अगर जा रहे हैं तो एन 95 मास्‍क ही पहनकर जाएं.
. जिन्‍हें फेफड़ों की बीमारी है, वे एयर प्‍यूरिफायर लेकर जाएं.

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Tags: Air pollution, Air Pollution AQI Level, Delhi news, Health News



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