TV Actress Drashti Dhami Pregnancy News: टीवी की ‘मधुबाला’ के तौर पर फेमस हुईं एक्ट्रेस दृष्टि धामी मां बनने वाली हैं. 38 साल की एक्ट्रेस ने अपने सोशल मीडिया पर थोड़ी देर पहले ही ये जानकारी दी है. दृष्टि धामी ने साल 2015 में बिजनेसमैन नीरज खेमका से पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाज से साल 2015 में शादी की थी. शादी के पूरे 9 साल बाद ये जोड़ी पहली बार अपने बच्चे का इस दुनिया में स्वागत करने को तैयार है. सिर्फ दृष्टि ही नहीं, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह भी जल्द ही अपने पहले बच्चे का स्वागत करने वाली हैं. बता दें कि दीपिका पादुाकोण भी 38 साल की ही हैं. दरअसल आजकल कई महिलाएं करियर के चलते लेट प्रेग्नेंसी करती हैं. लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर प्रेग्नेंसी के लिए क्या महिला का शरीर तैयार होता है? आइए आपको बताते हैं कि लेट प्रेग्नेंसी के साथ क्या-क्या कॉम्पलीकेशन जुड़े हैं और क्या सावधानी रखनी चाहिए.
दृष्टि धामी ने बड़े ही मजेदार अंदाज में सोशल मीडिया में ये जानकारी दी है. उन्होंने एक मजेदार वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो अपने पति नीरज के साथ एक पोस्टर लिए दिख रही हैं. इस पोस्टर में लिखा है, ‘पिंक भी हो सकता है और ब्लू भी हो सकता है, लेकिन हम ये जानते हैं कि हम माता-पिता बनने वाले हैं. अक्टूबर 2024.’ वहीं दीपिका पादुकोण की बात करें तो उनकी ड्यू डेट सितंबर महीने की है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो लेट प्रेग्नेंसी, खासकर 35 साल की उम्र के बाद, कई स्वास्थ्य चुनौतियों और जोखिमों के साथ आ सकती है. 38 साल की उम्र में मां बनने वाली महिलाओं को इन परेशानियों और जोखिम का सामना करना पड़ सकता है.
गर्भधारण में कठिनाई: उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं की प्रजनन क्षमता घटती है. अंडाणुओं की गुणवत्ता और संख्या दोनों कम हो जाती हैं, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है.
गर्भपात का जोखिम: उच्च उम्र के साथ गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है. 35 साल के बाद महिलाओं में गर्भपात की संभावना अधिक होती है.
जन्मजात विकार: वृद्ध माताओं के बच्चों में जन्मजात विकारों का जोखिम बढ़ जाता है, जैसे कि डाउन सिंड्रोम. इसके लिए नियमित चेकअप और उसका इलाज बहुत ही जरूरी है.
उच्च रक्तचाप और प्री-एक्लेमप्सिया: अधिक उम्र की गर्भवती महिलाओं में हाई ब्लडप्रेशर और प्री-एक्लेमप्सिया का जोखिम अधिक होता है, जो गर्भावस्था के दौरान खतरनाक हो सकता है.
गेस्टेशनल डायबिटीज: 35 साल के बाद गर्भवती महिलाओं में गेस्टेशनल डायबिटीज (गर्भावधि मधुमेह) का जोखिम बढ़ जाता है, जिससे प्रसव में जटिलताएं हो सकती हैं.
लेट प्रेग्नेंसी में स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए ये कुछ बेहद जरूरी सावधानियां अपनानी चाहिए.
नियमित प्रीनेटल केयर: नियमित प्रीनेटल चेकअप्स और डॉक्टर की सलाह का पालन करें.
बेलेंस डाइट: संतुलित और पोषण से भरपूर आहार लें, जिसमें फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, और प्रोटीन शामिल हों.
एक्सरसाइज और फिटनेस: नियमित रूप से हल्के व्यायाम और योग करें, जो गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित हों.
धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान, शराब, और अन्य हानिकारक पदार्थों से पूरी तरह से बचें.
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान: मानसिक तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम और पोजेटिव एक्टिविटी जरूर करें.
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FIRST PUBLISHED : June 14, 2024, 14:00 IST