कहते हैं कि डॉक्टर तो भगवान हैं ही जो मरते हुए को जिंदा कर दें लेकिन कई बार मौत के मुंह में समाए व्यक्ति की हिम्मत भी उसको जिंदगी तक ले आती है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली के आरमएमएल अस्पताल में सामने आया है. जब मरीज और डॉक्टर दोनों ने मिलकर ऐसा करिश्मा कर दिखाया कि आज जो भी सुन रहा है वह आश्चर्य कर रहा है.
दरअसल 28 सितंबर को एक अचानक हरियाणा के बहादुरगढ़ में 24 साल का मजदूर एक वुडकटर मशीन की चपेट में आ गया, इससे उसका दांया हाथ कलाई से कटकर पूरी तरह अलग हो गया. कंधे से लेकर उसका हाथ लटका हुआ था जबकि हथेली वहीं पास में ही पड़ी थी. यह हादसा होने पर वहां मौजूद मजदूरों की समझ में ही नहीं आया कि क्या करें, आखिरकार वह मरीज को इलाज के लिए बहादुरगढ़ के स्थानीय अस्पताल ले गए, लेकिन पूरी तरह अलग हुआ हाथ देखकर उन्होंने वहां से बड़े अस्पताल के लिए रैफर कर दिया. तब वह शख्स बांये हाथ में अपने कटे हुए हाथ को लेकर दिल्ली के आरएमएल अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचा.
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कटे हाथ का सफल रीइंप्लांट करने वाली डॉक्टरों की टीम.
आरएमएल में आए मरीज की हालत देखकर उसे तत्काल प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रैफर कर दिया गया. जहां प्रोफेसर डॉ. मुकेश शर्मा के नेतृत्व में बनी डॉक्टरों की टीम ने शख्स के द्वारा हिम्मत से लाई गई उसकी कटी हथेली को 9 घंटों तक चली सर्जरी के बाद जोड़ दिया. अस्पताल में सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया विभाग के अलावा, ऑथोपेडिक विभाग के डॉक्टर्स, सर्जन और प्लास्टिक सर्जरी विभाग से एक्सपर्ट लगे. जिन्होंने तत्काल माइक्रोवैस्कुलर तकनीक के साथ माइक्रोस्कोप के नीचे हड्डियों और टेंडन को ठीक करके धमनियों, नसों और तंत्रिकाओं को फिर से जोड़कर हथेली को फिर से प्रत्यारोपित कर दिया.
सर्जरी के बाद मरीज को 3 दिन तक आईसीयू में ऑब्जरवेशन में रखा गया. हालांकि मरीज की हालत ठीक होने पर उसे छुट्टी दे दी गई. फिलहाल मरीज अपना हाथ हिला डुला सकता है.
इस दौरान प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. समीक भट्टाचार्य ने बताया कि मरीज कटे हुए अंग को छह घंटे के अंदर अस्पताल लेकर आ गया था, ऐसे में हथेली का सफल प्रत्यारोपण हो सका. अगर कभी भी ऐसी कोई घटना किसी कि साथ हो जाए तो हमेशा याद रखें कि कटे हुए अंग को पानी से धोकर या स्टेराइल सॉल्यूशन से साफ कर, पॉलिथीन में डालकर अस्पताल ले आएं. ऐसा होने से उस अंग को वापस लगाने की संभावना बहुत ज्यादा होती है.
बता दें कि एनेस्थीसिया टीम से डॉ. नमिता अरोड़ा, डॉ शुभि, सर्जरी टीम से डॉ. सोनिका, डॉ. सुकृति, डॉ. धवल, ऑर्थोपेडिक्स से डॉ. विग्नेश और डॉ. मंजेश सहित अन्य विशेषज्ञों ने सर्जरी को अंजाम दिया.
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FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 16:38 IST