कलयुग की मीरा राधा शास्त्री ने की लड्डू गोपाल के साथ शादीकथा वाचक राधा शास्त्री छिबरामऊ कन्नौज की है रहने वाली
हरदोई. हरदोई के कछौना में प्राचीन लंगड़ेदास शिव मंदिर में एक अनोखी शादी हुई. यहां कथा वाचक राधा शास्त्री ने लड्डू गोपाल से शादी की. कथा वाचक राधा शास्त्री छिबरामऊ कन्नौज की रहने वाली है. उनका कन्यादान श्रीनगर में तैनात कमांडो संजीव यादव ने किया. फरवरी 2024 में राधा शास्त्री को संजीव यादव ने गोद लिया था. अनोखी शादी का अद्भुत नजारा देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए. इस शादी ने कलयुग में प्रेम और भक्ति का अनोखा संदेश दिया. दरअसल, ये युवती कथावाचक और यूट्यूबर है. 24 साल की ग्रेजुएट राधा शात्री ने प्रसिद्ध मंदिर में अपने इष्ट भगवान कन्हैया यानी कान्हा जी की मूर्ति के साथ सात फेरे लिए.
आमतौर में शादियों में दूल्हा-दुल्हन होते हैं. दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर आता है, फिर बड़ी धूमधाम से दोनों की शादी कराई जाती है. ऐसी ही एक शादी कछौना कस्बे के प्रसिद्ध मंदिर में भी हुई. हालांकि यह शादी आम शादियों की तरह होकर भी अनोखी शादी थी. शादी का मुहूर्त निकाला गया और रिश्तेदारों को निमंत्रण भेजा गया. सभी मेहमान भी आएं लेकिन किसी को ये पता नहीं था कि दूल्हा कौन हैं. दूल्हा और कोई नहीं बल्कि खुद लड्डू गोपाल थे. इस विवाह को देखने के लिए आम लोग ही नहीं बल्कि साधु-संतों की भीड़ भी उमड़ आई.
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुई शादी
दरअसल, कथा वाचक राधा शास्त्री को जब परिजनों ने किसी कारणवश त्याग दिया तो उन्होंने लड्डू गोपाल का सहारा लिया. अब लड्डू गोपाल से ही शादी रचा ली और वह उन्हीं के साथ अब अपनी जिंदगी गुजारना चाहती है. कथा वाचक राधा शास्त्री की शादी में वो सभी रस्में निभाई जो कि एक आम शादी में निभाई जाती है. राधा शास्त्री को फ़रवरी 2024 में संजीव यादव ने गोद लिया था. संजीव यादव 3 भाई है और उनकी बहन नहीं है. मन्दिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पंडित महेश तिवारी ने विवाह संस्कार कराया. राधा शास्त्री का कहना है कि आजकल की लड़कियां धर्म को छोड़कर गलत रास्ते पर निकल पड़ी है, उन्हें चाहिए कि अपने धर्म को जानें और भगवान की भक्ति में लीन हों. अगर वह ऐसा नहीं कर सकती तो किसी के भगवान का अपमान भी ना करे.
पांच माह पूर्व छोड़ दिया था घर
राधा शात्री बचपन से ही भगवान कृष्ण की भक्त रही हैं. वे हर दिन लड्डू गोपाल के साथ लंबा समय गुजारती रही हैं. उन्होंने अपने परिवार को बता दिया कि वे अपना जीवन भगवान कृष्ण को समर्पित करेंगी. उन्होंने घर वालों से ये तक कह दिया कि वे केवल मुरलीधर को ही अपना पति बनाएंगी. घरवालों के विरोध के बाद राधा ने अपना परिवार 5 माह पूर्व छोड़ कर अपने मुंह बोले भाई संजीव यादव पुत्र राकेश चन्द्र यादव निवासी छिबरामऊ कन्नौज चली गई थी. राधा एक यूट्यूब पर कथा वाचक है, जिसे हजारों की तादाद में फॉलोअर हैं. दुल्हन राधा शास्त्री ने बताया कि मेरा परिवार मैनपुरी में रहता है और मैं कछौना के पास सेमरा गांव में कथा वाचने आई थी. तब से यही कछौना में रह रही थी. मेरे भाई ने कछौना कस्बे में दहेज में प्लाट दिया है. अब मैं अपना जीवन कछौना में अपने कन्हैया के साथ बिताउंगी.
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FIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 10:48 IST