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Friday, June 13, 2025

साले की बेटी को लिया था गोद, एक कमरा केवल उसके लिए खुलता है, पढ़ें सूरज पाल के बाबा बनने की कहानी

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हाइलाइट्स

पुलिस की नौकरी जाने के बाद सूरज पाल ने सत्संग में जाना शुरू कर दिया था.हाथरस के सत्संग में हादसा होने के बाद भी सूरज पाल के भक्तों में नहीं कम हुई भक्ति.

हाथरसः उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र में सत्संग के दौरान हुए हादसे के बाद भी भोले बाबा के अनुयायियों में कोई कमी नहीं है. भोले बाबा के अनुयायी और उनके समर्थक आज भी उनको परमात्मा का दर्जा दे रहे हैं और हादसे को साजिश बता रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि ये हादसा जानबूझ कर कराया गया है. बता दें कि जनपद हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरिया गांव के पास सूरज पाल सिंह उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई थी, जिसमें अब तक 121 से अधिक मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है.

साले की बेटी को लिया था गोद
बताया जाता है कि सूरज पाल उर्फ भोले बाबा कासगंज जिले के पटियाली क्षेत्र के गांव बहादुर नगर का रहने वाला है, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था और उसकी शादी भी हुई थी. बताया जाता है कि शादी के कई बर्ष बाद भी उनके संतान नहीं हुई तो सूरज पाल ने अपने साले की बेटी को गोद ले लिया था. बेटी को गोद लेने के बाद सूरज पाल सिंह उर्फ भोले बाबा ने उस का पालन पोषण किया. लेकिन उसकी बीमारी के चलते मौत हो गई थी. वहीं बताया जाता है कि उसके बाद ही सूरज पाल सिंह उर्फ भोले बाबा पर हत्या का आरोप लगाया गया और उसकी नौकरी चली गई.

नौकरी जाने के बाद सत्संग में जाना शुरू किया
उसके बाद बाबा ने अलीगढ़ के किसी आश्रम में जाकर सत्संग में जाना शुरू कर दिया. उसके बाद लगातार सूरज पाल सिंह से भोले बाबा और भोले बाबा से नारायण साकार हरी बन गया. उसके बाद उसके अनुयायी हजारों से लाखों और करोड़ो में बन गए. वहीं हाथरस में हुए भीषण कांड के बाद भी उनके समर्थक उनको परमात्मा मान रहे हैं. भोले बाबा का बहादुर नगर में बड़ा आश्रम है, जिसमे हर मंगलवार को हजारों की संख्या में अनुयायी आते है. इसी मामले में जब न्यूज 18 की टीम उनके आश्रम पहुंची तो वहां मौजूद लोगों से बातचीत की गई.

लोगों के लिए परमात्मा से कम नहीं है बाबा
न्यूज 18 से बात करते हुए उनके सेवादारों ने बताया कि वह पिछले करीब 12 वर्षों से उनके साथ जुड़े हैं. तब से लगातार वह दो से तीन महीने एक सप्ताह के लिए सेवा करने के लिए आते हैं. सूरज पाल के इस आश्रम में बड़ा लंगर चलता है, जिसमें आश्रम में आने वाले सभी लोगों को भोजन प्रसाद के रूप में कराया जाता है. इतना ही नहीं इसमें काम करने वाले लोग कोई सैलरी पर नहीं रखे जाते हैं. सभी लोग अपनी मर्जी से सेवा करने आते हैं. कई सेवादारों से बात करने पर पता चला कि वह सभी किसी न किसी तरह से परेशान थे. लेकिन जब से नारायण साकार हरी की सेवा में आए है तब से कोई परेशानी नहीं है.

एक कमरा केवल बाबा के लिए खुलता है
वहीं एक बात निकल कर सामने आई है कि बाबा का एक आशियाना ऐसा है जिस पर दिन और रात पहरा रहता है. भोले बाबा के सेवादार लगातार पहरा देते हैं. वह दरवाजा तभी खुलता है जब भोले बाबा आते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि कुछ सेवादार ने बताया कि भोले बाबा इस आश्रम पर पिछले 10- 12 बर्षों से नहीं आए हैं. लेकिन एक सेवादार ने बताया कि पिछले वर्ष जुलाई में आए थे. वही सेवादारों का कहना है कि नारायण साकार हरी परमात्मा है. वहीं आश्रम के पास रहने वाले समर्थकों का आरोप है कि ये हादसा कुछ लोगों द्वारा कराया गया है.

Tags: Hathras news, UP news



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