कल पाकिस्तान से एक खबर आई जहां कराची में लश्कर आतंकी अदनान अहमद उर्फ हंजला अहमद को गोली मार दी गई थी. अदनान जम्मू कश्मीर में आतंक का एक चेहरा रहा है. साल 2015 और 2016 में उधमपुर और पंपोर में सुरक्षाबलों पर हुए हमलों का उसे मास्टरमाइंड कहा जाता रहा है. दिलचस्प बात ये थी कि हंजला अहमद को गोली 2 और 3 दिसंबर की दरमियानी रात ही मार दी गई थी लेकिन मीडिया में यह जानकारी कल आई.
किसने इस वारदात को अंजाम दिया, यह पहले के भी कई मामलों में साफ नहीं हो सका था. अदनान अहमद उर्फ हंजला अहमद की भी जान किसने ली, यह अब तक साफ नहीं हो सका है. इस साल अब तक करीब दो दर्जन आतंकियों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो चुकी है. दाऊद मलिक, शाहिद लतीफ और मुफ्ती कैसर तो हाल फिलहाल के नाम हैं लेकिन उनसे पहले भी मौलाना करीम, ख्वाजा शाहिद, जाहिद मिस्त्री, परमजीत सिंह पंजवड और मुल्ला बरहुरर जैसे आतंकियों की जान अचानक से हुए हमलों में गई है.
इसके अलावा लश्कर के मुखिया हाफिज सईद का भाई हामिद, अल बद्र कमांडर सैयद खालिद, लश्कर कमांडर अकरम गाजी, लश्कर आतंकी रहमान और जैश के कुछ और कमांडर हाल के हमलों में ढेर हुए हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि हाल फिलहाल में हुए इस तरह की हत्याओं से भारत के खिलाफ दहशतगर्दी को बढ़ावा देने वाले कई आतंकी अपने ठिकाने लगातार बदल रहे हैं. इसमें दाऊद इब्राहिम से लेकर हाफिज सईद, टाइगर मेमन, मसूद अजहर और सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकियों के नाम शामिल हैं.
लगभग दो दर्जन आतंक के मोस्ट वांटेड का सफाया अब इन हमलों में हो चुका है. आसार हैं कि और भी कुछ आतंकी अज्ञात हमलावरों के निशाने पर हैं. इसलिए कहा जा रहा है कि दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद जैसे आतंकी आईएसआई यानी पाकिस्तान के इंटेलिजेंस एजेंसी के सेफ हाउस में रह रहे हैं. जहां तक अदनान अहमद उर्फ हंजला अहमद की कराची में हुई मौत की बात है, अंजाला ने कुछ दिनों पहले ही अपना ऑपरेशन बेस रावलपिंडी से कराची ट्रांसफर किया था लेकिन यह ट्रांसफर उसकी जान ले गया.