रजत भट्ट/गोरखपुर: शहर में अगर लोग तनाव और डिप्रेशन से परेशान होते हैं तो, मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास जाकर सही सलाह लेते हैं और ट्रीटमेंट कराते है, लेकिन गांव में अभी भी मानसिक स्वास्थ्य को महत्व नहीं दिया जाता है. वहां ऐसी चीजों पर फोकस नहीं होता, लेकिन वहीं, गोरखपुर यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विभाग की टीम अब गांव में जाकर वहां के लोगों को जागरूक करेगी.
गांवों में जाकर करेगी काउंसलिंग
जहां साइकोलॉजिकल काउंसलिंग के लिए मनोविज्ञान विभाग की टीम गोरखपुर और आसपास के गांव में जाएगी. इसके लिए डिपार्टमेंट की ओर से जल्दी ‘मोबाइल साइकोलॉजिकल हेल्थ सेंटर’ भी बनाया जाएगा. वहीं, मनोविज्ञान विभाग में फिलहाल मनोवैज्ञानिक परामर्श केंद्र का भी संचालन हो रहा है. जिसमें यूनिवर्सिटी के छात्र जाकर अपनी काउंसलिंग कराते हैं.
गोद लिए गांव में जाएगी टीम
गोरखपुर यूनिवर्सिटी में ‘मोबाइल साइकोलॉजीकल हेल्थ क्लीनिंग’ के जरिए ‘मनोवैज्ञानिक विभाग’ के शिक्षक संघ PG डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग के विद्यार्थी, NSS के गोद लिए गांव और राज्यपाल के गोद लिए गांव में जाकर लोगों से बातचीत कर उनकी काउंसलिंग करेंगे.
यूनिवर्सिटी की कुलपति ने बतायाृ
वहीं, यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने बताया कि साइकोलॉजिकल डिपार्टमेंट की ओर से मोबाइल साइकोलॉजिकल हेल्थ क्लिनिक शुरू किया जाएगा. निश्चित तौर पर यह लोगों के लिए काफी लाभदायक होगा. यह योजना भी काफी महत्वपूर्ण है. साथ ही आज के दौर में लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. इस कार्य में छात्रों को भी कैंप लगाकर जागरुक किया जाएगा.
अलग-अलग टीमें करेंगी जांच
गोरखपुर यूनिवर्सिटी के ‘साइकोलॉजिकल डिपार्टमेंट’ में अलग-अलग टीम का गठन होगा, जो गांव में जाकर लोगों की काउसलिंग करेंगी. वह उन्हें मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के तौर तरीके बताएंगे. टीम अलग-अलग समय पर जाकर लोगों को मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के तौर तरीके बताएगी. डिपार्टमेंट की ओर से जल्द ही कुलपति के सामने इसका प्रेजेंटेशन भी रखा गया था. वहीं, नया सत्र शुरू होने के बाद इस पर तेजी से कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा. वहीं, लोगों की काउंसलिंग भी शुरू हो जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 12:34 IST