धीर राजपूत/फिरोजाबाद. उत्तर प्रदेश का फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन ब्रिटिश हुकूमत की निशानी के रूप में जाना जाता है. लेकिन समय के साथ इस स्टेशन की सूरत भी अब बदलने जा रही है. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यह रेलवे स्टेशन माल ढोने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन अब जबकि यहां यात्री सुविधाओं की मांग बढ़ी, तो रेलवे ने इस स्टेशन के सौंदर्यीकरण और पुनर्विकास की योजना बनाई है. फिरोजबाद को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की तरह विकसित किया जाना है. यहां बच्चों से लेकर महिलाओं तक के लिए मनोरंजन से साथ-साथ अन्य यात्री सुविधाएं मिलेंगी.
फिरोजाबाद के इतिहासकार डॉ एबी चौबे ने लोकल18 को बताया कि ब्रिटिश काल में सन् 1865-66 में इस रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया था. उस वक्त रेलवे स्टेशन को ईस्ट इंडिया कंपनी ने बनाया था. हावड़ा-दिल्ली रूट पर इंजन वाली रेल गाड़ियां शुरू की गई थीं. फिरोजाबाद में कांच का काम होता है, तो निर्यात के लिए यह रेलवे स्टेशन बनाया गया. स्टेशन बनने के लगभग 160 साल बाद सन् 1971-72 में पनकी-टूंडला रेलरूट का विद्युतीकरण किया गया. उसी दौरान फिरोजाबाद में बिजली से ट्रेनों का चलना शुरू हुआ.
एसी वेटिंग रूम, पिंक टॉयलेट और एस्केलेटर
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह ने लोकल18 को बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है. रेलवे स्टेशन पर लोगों के लिए एसी वेटिंग रूम, रिटायरिंग व डॉर्मेट्री, सभी प्लेटफॉर्म पर पिंक टॉयलेट, यात्रियों के लिए मिनी रेस्टोरेंट, बच्चों के लिए मनोरंजन की व्यवस्था, पर्यटन स्थलों के साइन बोर्ड, यात्रियों के लिए स्वचालित सीढ़ियां, वाहनों के लिए पार्किंग आदि की सुविधा समेत कई नए बदलाव किए जा रहे हैं. फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को वैसी ही सुविधाएं मिलेंगी, जैसी सुविधा किसी एयरपोर्ट पर मिलती है. आने वाले दिनों में इस स्टेशन का पूरा स्वरूप लोगों को बदला हुआ नजर आएगा.
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FIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 17:45 IST