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Thursday, May 9, 2024

10 मार्च को किसान करेंगे ‘ट्रेन रोको’ प्रदर्शन, ट्रेनों-बसों से दिल्ली कूच का भी ऐलान – India TV Hindi

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Image Source : PTI
किसान आंदोलन जारी

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 13 फरवरी से किसान आंदोलन जारी है। दिल्ली की ओर कूच करते हुए किसान आंदोलन-2 पंजाब और हरियाणा की शंभू और खानौरी सीमाओं पर पहुंचा, जहां हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई। इस दौरान 21 वर्षीय युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई। शुभकरण का अंतिम संस्कार 29 फरवरी को हुआ था। आज युवा किसान के पैतृक गांव बल्लों, भठिंडा में अंतिम अरदास कार्यक्रम हुआ। बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने शहीद के प्रति आभार और श्रद्धांजलि व्यक्त की।

अंतिम अरदास कार्यक्रम में बोले किसान नेता

इस मौके पर बोलते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि आज के शहादत समारोह के लिए पूरे भारत और पंजाब से लोगों की भीड़ को देखकर मोदी सरकार की आंखें खुलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों और मजदूरों पर आंसू गैस का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया और जिस तरह से हजारों लोग अस्थमा, सीने में दर्द और आंखों की समस्याओं से पीड़ित हैं, जैसे रबड़ की गोलियों का इस्तेमाल किया गया, 12 बोर की राइफल का इस्तेमाल किया गया, एसएलआर का इस्तेमाल किया गया, जिससे एक किसान शहीद हो गया, एक की आंख चली गई, प्रितपाल सिंह को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और उनके पैर तोड़े गए। 500 से अधिक लोग घायल हो गए। यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार अपने हक मांगने वाले किसानों और मजदूरों के साथ दुश्मन देश की सेना की तरह व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और देश में तानाशाही स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन देश की जनता ऐसा नहीं होने देगी। 

“लखीमपुर खीरी के मुख्य आरोपी को टिकट”

उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीजेपी ने लखीमपुर खीरी के मुख्य आरोपी को लखीमपुर खीरी से लोकसभा चुनाव का टिकट देकर सजा से मुक्त घोषित किया है, हम उसकी निंदा करते हैं और देश इसे देख रहा है। देश इन चीजों के लिए कभी माफ नहीं करेगा और मोदी सरकार को सबक सिखाएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं को भी अपनी अंतरात्मा को जगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ दलाल मीडिया का जोर यह साबित करने पर है कि संघर्ष कुछ संगठनों का है, जबकि एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम देश के दो सौ से अधिक संगठनों का देशव्यापी आंदोलन है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की आईटी सेल सोशल मीडिया पर दो समूह बनाकर और दूसरे को गाली देते हुए इसे कांग्रेस, अकाली, आप पार्टी का बताकर आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। 

उन्होंने कहा कि शहीद शुभकरण सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और फसल खरीद गारंटी अधिनियम, स्वामीनाथन रिपोर्ट के कार्यान्वयन, किसानों की पूर्ण ऋण माफी और मांगों के पूरे चार्टर का समाधान नहीं होने तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के मुख्य नेताओं को एमएसपी देने के बजाय एमएसपी और खरीद गारंटी पर कानून बनाने की बात करनी चाहिए।

“…तो वह 140 करोड़ लोगों के अभिशाप का शिकार हो जाएंगे” 

उन्होंने कहा कि मोदी कह रहे हैं कि उनके सिर पर 140 करोड़ लोगों का हाथ है, लेकिन जिस तरह से उनकी सरकार ने देश के लोगों पर अत्याचार किया है, अगर वह देश के लोगों की आवाज का सम्मान नहीं करेंगे, तो वह 140 करोड़ लोगों के अभिशाप का शिकार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि आज का आंदोलन हरियाणा और पंजाब के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में फैल गया है और आने वाले दिनों में किसान नेता इस अभियान को अन्य राज्यों में भी ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज आंदोलन की आवाज विदेशों की संसद में गूंज रही है। 

मोर्चा की तरफ से आगे की रणनीति को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि 6 मार्च को देशभर से किसान, मजदूर, आदिवासी दिल्ली कूच करेंगे। ये कूच ट्रेनों और बसों से होगा। सरकार कहती है कि किसान बिना ट्रैक्टर-ट्रॉली के आए, इसलिए हमने फैसला किया है कि जहां के साथी ट्रेनों और बसों से दिल्ली आने वाले थे वो अब दिल्ली कूच करें। दूसरी बड़ी घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि 10 मार्च को देशभर में ‘रेल रोको’ प्रदर्शन किया जाएगा, रेल रोकने का ये प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक का रहेगा।

इस मौके पर ऐलान-

  • केंद्र अथवा हरियाणा से गोली चलाने का निर्देश देने और उसका पालन करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का नाम FIR में शामिल कर उनको गिरफ्तार किया जाए। 
  • उत्तर भारत में कल हुई ओलावृष्टि, भारी बारिश और तूफान से हुए नुकसान की सरकारें तुरंत गिरदावरी करवाकर मुआवजा दें। 
  • शहीद शुभकरण जी ने जिस मकसद के लिए शहादत दी है उन मांगों को पूरा करने के लिए खन्नौरी गोलीकांड के दोषियों को जेल में डालने के लिए सारे देश के किसान, मजदूर और मुलाजिम संगठन इस आंदोलन को सफल करने के लिए जोर लगाए।

इस अवसर पर सरवन सिंह पंढेर, जगजीत सिंह दल्लेवाल के अलावा सुरजीत सिंह फूल, अमरजीत सिंह राडा, सतनाम सिंह सानी, इंद्रजीत सिंह कोटबुड़ा, शुखजीत सिंह हरदोझंडे, मंजीत सिंह घुमाना, सतनाम सिंह बगाड़ियां, बलवंत सिंह बेहरामके, शुखजिंद्र सिंह, रणबीर सिंह राणा, गुरिंदर सिंह पंघु, दलबाग सिंह हरिगढ़, हरसुरिंदेर सिंह ढिल्लों, अमरजीत सिंह मोहड़ी, अभिमन्यु कुहाड़, मंजीत सिंह राय, लखविंदर सिंह सिरसा, पीटी जॉन, शुखदेव सिंह भोजराज, केरला रवींद्रन (तमिलनाडु), गुरदास सिंह लक्खड़वाली, जरनैल सिंह चहल, रमनदीप सिंह मान, आत्माराम लोहड़, अनीश खटकड़, संदीप सिंह, सुखपाल सिंह डप्पड़, गुरतयां सिंह पनेधी, सोनू औलख, जुझार सिंह, जसविंदर सिंह लोंगोवाल, गुरप्रीत सिंह चीना, परमजीत सी (बिहार), इंदरजीत सिंह आदि मौजूद थे।

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