कन्नौज /अंजली शर्मा: किसानों को अपनी खेती के लिए सबसे पहले अच्छी किस्म के पौध की जरूरत होती है. किट रहित और रोग रहित पौध किसानों की प्राथमिकता होती है. कन्नौज के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल उमर्दा में किसानों के लिए इंडो इजराइल पद्धति से शाकभाजी की पौध बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक यहां तैयार करते हैं. यह पौध मृदा रहित रहती है, जिससे पौध की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और किसानों को लाभ होता है. इस वक्त यहां पर लाखों की संख्या में शाकभाजी अगेती फूल गोभी के पौध तैयार किए है. किसान इच्छा अनुसार अपने पौध ले सकते हैं.
इस समय अगेती फूल गोभी 1 लाख पौध, शिमला मिर्च लगभग 75 हजार, मसाला मिर्च की लगभग 45 हजार, पत्ता गोभी की लगभग 35 हजार, टमाटर की लगभग 80 हजार, बैगन लगभग 20 हजार पौध तैयार हैं. यह पौध पूरी तरह से कीट रहित और रोग रहित रहती है. ताकि, किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके.
कैसे होती है पौध तैयार?
यहां पौध तैयार करने का बिल्कुल अलग तरीका रहता है. यहां पर मृदा रहित पौध तैयार होती है, यानी की पौध को मिट्टी में नहीं एक ट्रे में तैयार किया जाता है. इंडो इजराइल पद्धति का इसमें प्रयोग होता है, जिससे किसी भी मौसम में किसी भी सब्जी या फसल का पौधा तैयार किया जा सके. इसमें करीब एक माह का वक्त लगता है. इसमें कई तरीके के फायदे होते हैं. सबसे पहला फायदा मिट्टी में कई तरह के कीट व रोग लगने की संभावना प्रबल रहती है. यहां पर पौध तैयार होने पर पौध में मिट्टी से लगने वाले रोग नहीं लगता, जिससे किसानों को फसलों में लाभ मिलता है.
क्या बोले उद्यान अधिकारी?
जिला उद्यान अधिकारी सीपी अवस्थी बताते हैं कि इस समय हमारे पास सब्जियों में अगेती फूलगोभी, शिमला मिर्च, मसाला मिर्च, टमाटर, पत्ता गोभी और बैगन की पौध बड़ी मात्रा में तैयार है. हमारे यहां की पौध मृदा रहित रहती है, जिससे किसानों को कई तरीके के लाभ मिलते हैं. वहीं इसकी उर्वरक क्षमता भी बहुत अच्छी होती है जिससे किसानों की आय बढ़ती है. हमारे यहां पौध लेने के लिए किसान अगर अपना बीज देता है तो एक रुपए प्रति पौध के हिसाब से उसको पौध दी जाती है. वहीं अगर किसान बिना बीज के पौध लेता है तो ₹2 प्रति पौध के हिसाब से उसे शुल्क लिया जाता है. इसके लिए किसान सीधे केंद्र में जाकर पौध प्राप्त कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 18, 2024, 17:01 IST