नई दिल्ली. झुलसा देने वाली इस गर्मी में घर में हम कूलर और एसी में आराम से सो रहे होते हैं. जब एक मिनट के लिए भी बिजली जाती है तो हम बेचैन हो उठते हैं और तोड़फोड़ पर अमादा हो जाते हैं. हमारे बेडरूम, ड्राइंग रूम तक बिजली पहुंचाने के लिए जो सूरज की तपिश को चुनौती देते हुए बिजली के तपते खंभों पर और तीन से चार घंटे की नींद लेकर काम करते हैं, जान जोखिम में डालने वाले वो लाइनमैन कांट्रैक्ट पर होते हैं और उनकी सैलरी बहुत ही कम होती है. तो चलिए आज जानते हैं लाइनमैनों की कहानी उन्हीं की जुबानी.
एनसीआर के शहर गाजियाबाद के इंदिरापुरम में तैनात लाइमैन जितेन्द्र अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं, ‘दोपहर में शिकायत आने के बाद खंभे पर पहुंचते हैं तो खंभे और तार इतने गर्म होते हैं कि छूना भी मुश्किल होता है, लेकिन लोगों को राहत देने के लिए तपते खंभों में चढ़कर फाल्ट को दुरुस्त करते हैं. यही सोचकर चढ़ जाते हैं कि इलाके में रहने वाले हजारों लोग गर्मी से परेशान हो रहे होंगे. कई बार हाथों में फफोले तक पड़ जाते हैं’.
3-4 घंटे ही सो पाते हैं
राजनगर में तैनात लाइनमैन जयपाल शर्मा बताते हैं, ‘लगातार हो रहे फाल्ट की वजह से जेई समेत हम लोग इस समय केवल 3 से 4 घंटे ही सो पा रहे हैं. कई बार फाल्ट ठीक करते-करते रात के दो से तीन बजे जाते हैं. इसके बाद घर जाते हैं. परिवार को समय देने की बात तो दूर की है, नींद तक पूरी नहीं हो पा रही है’.
रात में ज्यादा लोड
वसुंधरा क्षेत्र में तैनात लाइनमैन अमित मलिक ने बताया कि ‘सबसे ज्यादा लोड रात में ही पड़ता है, इसलिए रात में फाल्ट अधिक होते हैं और फाल्ट दुरुस्त करते करते देर रात हो जाती है’. वो यह भी बताते हैं ‘चूंकि सुबह पानी की सप्लाई आती है, अगर उस समय फाल्ट हुआ और बिजली गुल हुई तो लोगों को पानी नहीं मिल पाएगा, लोगों की परेशानी को ध्यान में रखते हुुए सुबह-सुबह दोबारा से ड्यूटी पर आ जाते हैं’.
हमारी ड्यूटी का कोई समय नहीं
लाइनमैन शाकिब कहते हैं ‘आम उपभोक्ता कम से कम दिनभर गर्मी में परेशान होकर रात में सो सकता है, लेकिन मौजूदा समय हम लोगों को वो भी नसीब नहीं है. ड्यूटी का कोई समय नहीं है. चार-पांच घंटे के लिए ही घर जाते हैं और कई बार तो बिजलीघर में ही सोना पड़ जाता है’. उसने बताया ‘इलाके में तमाम लोगों के पास लाइनमैनों का नंबर रहता है. ऐसे में जब बिजली गुल होती है और हम लोग पसीने से तर-बतर फाल्ट दुरुस्त कर रहे होते हैं, उसी समय उपभोक्ता लगातार फोन करते रहते हैं. इससे काम में बाधा पहुंचती है’.
छह से सात गुना हो गयी फॉल्ट की संख्या
वैशाली क्षेत्र के लाइनमैन अरविंद चौधरी बताते हैं ‘फाल्ट की संख्या में मार्च-अप्रैल की तुलना छह से सात गुना बढ़ गयी है. जहां पहले बिजली घर में 10 से 15 शिकायतें रोजाना आती थीं, वहीं आज 70 से 80 शिकायतें आ रही हैं. ज्यादातर शिकायतें तारों या ट्रांसफार्मर में आग लगने की आ रही हैं’. इसकी वजह पूछने पर उन्होंने बताया ‘क्षमता से अधिक लोड पड़ने पर तार हीट होकर लाल हो जाते हैं और आग लग जाती है. कई बार ये टूट जाते हैं’. ये लाइनमैन कांट्रैक्ट पर रखे जाते हैं और नौकरी में कोई परेशानी न हो, इस वजह से इनके नाम काल्पनिक रखे गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 09:06 IST