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Wednesday, September 18, 2024

क्रिकेटर जिनके बैट बने विवाद का विषय, कुछ को इस्‍तेमाल से रोका गया

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नई दिल्‍ली. क्रिकेट के खेल की शुरुआत के बाद से इसमें इस्‍तेमाल होने वाले बैट को लेकर कई बार विवाद की स्थिति बन चुकी है. शुरुआत में क्रिकेट बैट के आकार को लेकर लिखित रूप से कोई नियम नहीं था. 1771 के क्रिकेट मैच के दौरान एक खिलाड़ी इतना चौड़ा बैट लेकर बैटिंग के लिए पहुंचा जो तीनों स्‍टंप्‍स को कवर कर लेता था. ऐसे में विवाद तो होना ही था. विपक्षी टीम की ओर से ऐतराज जताए जाने के बाद बैट का आकार (लंबाई, चौड़ाई और मोटाई) तय करने की जरूरत महसूस की गई.

बैट का आकार तो तय कर दिया गया लेकिन नियम में पहले इस बात का जिक्र नहीं था कि बैट सिर्फ लकड़ी का ही होना चाहिए. ऐसे में एक खिलाड़ी के एल्‍यूमीनियम का बैट लेकर मैदान में पहुंचने के बाद फिर बहस छिड़ी.आखिरकार क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्‍था को बैट के आकार के साथ-साथ यह जिक्र भी करना पड़ा कि बैट हर हाल में लकड़ी का ही होना चाहिए. किसी अन्‍य धातु के बैट के इस्‍तेमाल की इजाजत नहीं है.

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लिली के एल्‍यूमीनियम बैट से बॉल हो रही थी खराब

ऑस्‍ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज डेनिस लिली (Dennis Lillee) की छवि बिगड़ैल क्रिकेटर की रही. कभी वे पाकिस्‍तान के जावेद मियांदाद के साथ मैदान पर झगड़े को लेकर विवाद में घिरे तो कभी मेटल बैट के इस्‍तेमाल को लेकर. दिसंबर 1979 में इंग्‍लैंड के खिलाफ एशेज के दौरान पर्थ टेस्‍ट में वे एल्‍यूमीनियम का बैट लेकर बैटिंग करने पहुंचे और इससे कुछ गेंदों का सामना भी किया. इस समय तक विपक्षी प्‍लेयर्स को अहसास नहीं था कि उनका बैट मेटल का है. इंग्‍लैंड के तत्‍कालीन कप्‍तान माइक ब्रेयरली ने जब गेंद हाथ में ली तो इसका शेप बिगड़ा हुआ पाया. तब इस बारे में पता चला. ब्रेयरली ने मामले की शिकायत अंपायर्स से की. इस कारण खेल कुछ मिनट तक रुका रहा. अंपायर्स के कहने के बावजूद लिली अपनाा बैट बदलने के लिए तैयार नहीं थे. बाद में ऑस्‍ट्रेलिया के कप्‍तान ग्रेग चैपल ने दखल दिया तब जाकर लिली ने गुस्‍से का इजहार करते हुए बैट बदला. इस घटना ने क्रिकेट की शीर्ष संस्‍था को नियमों में यह जोड़ने के लिए मजबूर किया कि बैट लकड़ी का ही होना चाहिए.

पोटिंग के बैट पर लगी थीं कार्बन ग्रेफाइट की पट्टी
लिली से जुड़े विवाद के 25 साल बाद अप्रैल 2005 में एक और ऑस्‍ट्रेलियाई क्रिकेटर बैट को लेकर विवाद में आया.ऑस्‍ट्रेलिया के तत्‍कालीन कप्‍तान रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने पाकिस्‍तान के खिलाफ जिस कूकाबुरा बैट से दोहरा शतक बनाया,वह जांच के घेरे में आ गया. यह बैट था तो लकड़ी का ही लेकिन इसमें पीछे कार्बन ग्रेफाइट की पट्टियां लगी थीं. माना गया कि इन पट्टियों के कारण पोटिंग के शॉट्स को अतिरिक्‍त गति मिली. यह बैट की ताकत को बढ़ाती हैं और इसका फायदा बैटर को मिलता है. पोंटिंग ने बताया था कि वे पिछले पांच-छह साल (इस दौरान वर्ल्‍डकप 2003 भी हुआ) से इस बैट का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. एमसीसी ने इसे लेकर ICC के समक्ष चिंता जताई. तमाम साक्ष्‍यों और इस कार्बन स्ट्रिप बैट के बारे में पूरी तरह जानने के बाद इस बैट के इस्‍तेमाल को अवैध करार दिया गया. आंकड़े बताते हैं कि दिसंबर 2003 से अप्रैल 2005 में मामला सामने तक के पीरियड में पोंटिंग ने इस बैट का इस्‍तेमाल करके खूब रन बटोरे.इस अवधि में टेस्‍ट में उनका औसत 70.57 और वनडे में 42.57 का रहा था. माना जाता है कि इस प्रदर्शन में पोंटिंग के ‘खास बैट’ का भी योगदान रहा.

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मैथ्‍यू हेडन के मोंगूस बैट ने बटोरी चर्चा

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ऑस्‍ट्रेलिया के ओपनर मैथ्‍यू हेडन (Mathew Hayden), आईपीएल के 2010 सीजन के मैच के दौरान मोंगूस बैट (Mongoose Bat) के इस्‍तेमाल को लेकर चर्चा में रहे. इस बैट से उन्‍होंने दिल्‍ली डेयरडेविल्‍स (नया नाम दिल्‍ली कैपिटल्‍स) के खिलाफ 43 गेंदों पर 93 रनों की पारी खेलकर वाहवाही बटोरी थी. बैट निर्माता कंपनी मोंगूस का यह बैट देखने में आम बैट से कुछ अलग है. इसका हेंडल आम बैट से लंबा होता है और ब्‍लेड का आकार छोटा. इस बैट का इस्‍तेमाल ताकतवर हिट लगाने के लिए किया जाता है. जानकारी के अनुसार, इस बैट के ब्‍लेड का हर हिस्‍से में ‘स्‍वीट स्‍पॉट’ होता है और हिटिंग के लिए इसे माकूल माना जाता है. जानकार बताते हैं कि मोंगूस बैट हिटिंग के लिए तो अच्‍छे होते हैं लेकिन डिफेंस के लिए नहीं. बैट के अपने फायदे हैं तो नुकसान भी.अपने खेल को छोटे ब्‍लेड वाले इस बैट के अनुरूप ढालना भी इश्‍यु है. सुरेश रैना, साइमंड्स, स्टुअर्ट लॉ, ड्वेन स्मिथ और अशरफुल जैसे बैटर मोंगूस बैट का इस्‍तेमाल कर चुके हैं. रैना तो जल्‍द ही यह बैट छोड़कर नार्मल बैट इस्‍तेमाल करने लगे थे.

यूनिवर्स बॉस का ‘गोल्‍डन बैट
वेस्‍टइंडीज के धुरंधर बैटर क्रिस गेल (Chris Gayle) को रॉयल अंदाज पसंद है. ‘यूनिवर्स बॉस’ गेल ऑस्‍ट्रेलिया की बिग बैश लीग 2015 के दौरान गोल्‍डन कलर का बैट लेकर मैदान में उतरे थे. भारत की कंपनी स्‍पार्टन ने यह बैट तैयार करके BBL में गेल के शुरुआती मैच से पहले ऑस्‍ट्रेलिया भेजा था. इस खास बैट का इस्‍तेमाल करने वाले गेल पहले बैटर थे और मीडिया में उन्‍हें खूब चर्चा मिली थी. यह भी आरोप लगा था कि इस बैट को बनाने में मेटल का इ्स्‍तेमाल किया गया है. हालांकि स्‍पार्टन ने इन आरोपों को बकवास करार दिया था. कंपनी ने कहा था कि बैट को बनाने में नियमों का पूरी तरह पालन किया गया है और यह बैटर को अतिर‍िक्‍त फायदा नहीं पहुंचाता.

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ब्‍लैक और पिंक बैट इस्‍तेमाल कर चुके रसेल

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वेस्‍टइंडीज के ही आंद्रे रसेल (Andre Russell) ने गेल की ही तर्ज पर बिग बैश लीग के 2016 सीजन में जेट ब्‍लैक कलर का बैट इस्‍तेमाल करके चर्चा बटोरी थी. टूर्नामेंट में सिडनी थंडर्स के पहले मैच में वे यह बैट लेकर उतरे थे. BBL के पहले, क्रिकेट ऑस्‍ट्रेलिया ने रसेल को इस बैट का इस्‍तेमाल की परमीशन दी थी लेकिन बाद में पता लगा कि इस बैट से टकराकर बॉल पर ब्‍लैक स्‍पॉट आ रहे हैं तो इस इजाजत को वापस ले लिया गया. रसेल  कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL)में पिंक कलर का बैट का भी बैटिंग के लिए इस्‍तेमाल कर चुके हैं. जमैका थलावा की ओर से खेलते हुए उन्‍होंने ऐसा किया था.

Tags: Andre Russell, Chris gayle, Ricky ponting



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