नई दिल्ली. क्रिकेट के खेल में भाइयों की कई जोड़ियां (तीन और चार भाई भी) इंटरनेशनल स्तर पर खेल चुकी हैं. इन जोड़ियों में सबसे मशहूर नाम ऑस्ट्रेलिया के चैपल भाइयों – इयान, ग्रेग और ट्रेवर, वॉ भाइयों-स्टीव और मार्क, मॉर्श भाइयों – शॉन और मिचेल, ली भाइयों – ब्रेट और शेन, न्यूजीलैंड के क्रो भाइयों-मार्टिन और जैफ, दक्षिण अफ्रीका के मोर्कल भाइयों – एल्बी और मोर्ने तथा जिम्बाब्वे के फ्लावर भाइयों – एंडी और ग्रांट का है. ये भाई इंटरनेशन क्रिकेट में साथ खेले. अपने खेल कौशल की बदौलत इन्होंने न सिर्फ कई रिकॉर्ड बनाए बल्कि टीम की कई जीतों में अहम रोल निभाया. भारत के पठान भाई – इरफान और यूसुफ और पंड्या भाई – हार्दिक और क्रुणाल का नाम भी इसमें शामिल किया जा सकता है.
इससे इतर भारत में भाइयों की कुछ ऐसी जोड़ियां भी हैं जिन्होंने शीर्ष स्तर का क्रिकेट खेला.लेकिन एक भाई भारतीय टीम में स्थान बनाने में सफल रहा जबकि दूसरा टेलैंट का भरपूर प्रदर्शन करने के बावजूद इससे वंचित रह गया. नजर डालते हैं भाइयों की ऐसी प्रमुख जोड़ियों पर जिसमें एक भाई इंटरनेशनल क्रिकेट खेला जबकि दूसरे का घरेलू क्रिकेट में तो लंबा करियर रहा लेकिन कभी भारतीय टीम की ओर से नहीं खेल सका.
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सौरव गांगुली और स्नेहाशीष गांगुली
टीम इंडिया के सफल कप्तानों में शुमार रहे सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली (Snehasish Ganguly) भी बेहतरीन क्रिकेटर रहे हैं कई मैचों में पश्चिम बंगाल की ओर से खेले हैं. स्नेहाशीष बाएं हाथ के आकर्षक बैटर थे. उनकी क्रिकेट किट का इस्तेमाल करने के लिए ही राइट हैंडर होने के बावजूद सौरव ने बाएं हाथ से बैटिंग शुरू की थी. सौरव ने भारत के लिए 113 टेस्ट और 311 वनडे मैच खेले. टेस्ट क्रिकेट में 7212 रन व 32 विकेट और वनडे में 11363 रन व 100 विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं. दूसरी ओर उम्र में सौरव से चार साल बड़े स्नेहाशीष के करियर पर 58 फर्स्ट क्लास और 18 लिस्ट ए मैच के बाद विराम लग गया. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 6 शतकों की मदद से 2534 और लिस्ट ए मैचों में 275 रन स्नेहाशीष के नाम पर दर्ज हैं.
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मोहम्मद कैफ और मोहम्मद सैफ
13 टेस्ट और 125 वनडे मैच खेले मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) की पहचान एक जबर्दस्त फील्डर के तौर पर भी रही. मैदान पर वे चीते की तरह चपल नजर आते थे. बेहद मुश्किल कैचों को भी उन्होंने आसानी से पकड़ा और कई बेहतरीन रन आउट करके भी भारतीय टीम की जीत में योगदान दिया. कैफ की कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ष 2000 में U-19 वर्ल्डकप चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था. टेस्ट में एक शतक की मदद से 624 रन और वनडे में दो शतक की मदद से 2753 रन बनाने वाले कैफ के बड़े भाई सैफ (Mohammad Saif) भी घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की टीम से खेल चुके हैं. उम्र में कैफ से चार साल बड़े सैफ ने 39 फर्स्ट क्लास मैचों में दो शतक की मदद से 1290 रन बनाने के अलावा 27 विकेट भी हासिल किए. वे 37 लिस्ट ए और एक टी20 मैच भी खेले. लिस्ट ए मैचों में 547 और 13 विकेट सैफ के नाम पर दर्ज हैं. कैफ और सैफ के पिता मोहम्मद तारिफ भी रेलवे और यूपी के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल चुके हैं.
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विजय हजारे और विवेक हजारे
विजय हजारे (Vijay Hazare) की गिनती देश के बेहतरीन बैटरों में होती थी. उन्होंने 30 टेस्ट में 47.65 के औसत से 2192 रन बनाए जिसमें सात शतक शामिल रहे. विजय किसी टेस्ट की दोनों पारियों में शतक लगाने वाले भारत के पहले बैटर थे, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट की पहली पारी में 116 और दूसरी पारी में 145 रन बनाए थे. हालांकि उनकी इन बेजोड़ पारियों के बावजूद टीम इंडिया को मैच पारी के अंतर से हारना पड़ा था. विजय के छोटे भाई विवेक (विवेकानंद) हजारे (Vivek Hazare) भी वडोदरा और मैसूर की ओर से 49 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 674 रन बनाने के अलावा उन्होंने 68 विकेट लिए. कभी भारत की ओर से खेलने का मौका नहीं मिला.
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एजी कृपाल सिंह और एजी सतविंदर सिंह
एजी कृपाल सिंह (AG Kripal Singh) ने 1955 से 1964 तक दाएं हाथ के बैटर और ऑफ ब्रेक बॉलर के रूप में भारत के लिए 14 टेस्ट में 422 रन बनाने के अलावा 10 विकेट लिए. कृपाल के भाई एजी मिल्खा सिंह (AG Milkha Singh) ने भी बाएं हाथ के बैटर के तौर पर 4 टेस्ट खेले लेकिन इन दोनों के भाई एजी सतविंदर सिंह (AG Satwender Singh) 60 फर्स्ट क्लास मैचों में चार शतकों की मदद से 2726 रन बनाने और 29 विकेट लेने के बावजूद कभी भारत के लिए नहीं खेल पाए.
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मोहिंदर अमरनाथ और राजिंदर अमरनाथ
अमरनाथ परिवार का भारतीय क्रिकेट को योगदान किसी से छुपा नहीं है. भारतीय क्रिकेट में खास स्थान रखने वाले लाला अमरनाथ को आजाद भारत के पहले क्रिकेट कप्तान होने का गौरव हासिल है. भारत के लिए टेस्ट मैच में पहला शतक उन्होंने ही लगाया था. अपने डेब्यू टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ लाला ने 118 रन की पारी खेली थी. लाला के बाद उनके बेटे सुरिंदर (Surinder Amarnath) ने भारत के लिए 10 टेस्ट व तीन वनडे और मोहिंदर (Mohinder Amarnath)ने 69 टेस्ट व 85 वनडे खेले. सुरिंदर ने जहां अपने पिता की तरह डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने की उपलब्धि हासिल की थी, वहीं मोहिंदर 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे. सुरिंदर और मोहिंदर के एक अन्य भाई राजिंदर अमरनाथ (Rajinder Amarnath) ने भी 36 फर्स्ट क्लास मैच खेलकर 1164 रन बनाए लेकिन कभी भारत के लिए नहीं खेल पाए.
लाला अमरनाथ की तरह सीके नायडू (CK Naidu) की भी भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों में गिनती होती है. वे भारतीय टीम के पहले (आजादी के पूर्व) कप्तान थे.बेखौफ बैटर माने जाने वाले सीके ने भारत के लिए 7 और उनके भाई सीएस नायडू ने 11 टेस्ट खेले. इनके दो भाई सीएल नायडू और सीआर नायडू भी कुछ फर्स्ट क्लास मैच खेले लेकिन भारत के लिए कभी नहीं खेल पाए.
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मोहम्मद शमी और मोहम्मद कैफ
इस सूची में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उनके भाई कैफ का नाम भी शामिल किया जा सकता है. हालांकि कैफ का करियर अभी शुरू ही हुआ है और हो सकता है कि बड़े भाई की तरह कैफ भी भविष्य में भारत के लिए खेलें.
64 टेस्ट में 229, 101 वनडे में 195 और 23 टी20 मैचों में 24 विकेट मोहम्मद शमी के खेलकौशल की कहानी बयां करते हैं. वर्ल्डकप 2023 में वे सर्वश्रेष्ठ बॉलर साबित हुए थे और महज 7 मैचों में 10.70 के औसत, 5.26 की इकोनॉमी और 12.20 के स्ट्राइक रेट से सर्वाधिक 24 विकेट लिए थे इसमें तीन पारी में 5 विकेट का प्रदर्शन शामिल था. एड़ी की सर्जरी कराने के बाद शमी रिकवरी मोड में हैं और टी20 वर्ल्डकप 2024 की भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं. शमी के भाई कैफ (Mohammed Kaif) भी इस समय पश्चिम बंगाल की ओर से क्रिकेट खेल रहे हैं. उम्र में शमी से छह साल छोटे कैफ ने इसी वर्ष फर्स्ट क्लास डेब्यू किया है. वे अब तक 6 फर्स्ट क्लास और 9 लिस्ट ए मैच खेल चुके हैं. फर्स्ट क्लास मैचों में 61 रन बनाने के साथ 17 विकेट लेकर उन्होंने खेल कौशल दिखाया है. 9 लिस्ट ए मैच में वे 12 विकेट ले चुके हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 10, 2024, 14:31 IST